28.8 c Bhopal

Breaking News :

  • Sun, 04 May 25

जलवायु परिवर्तन के खतरों को रोकने क्षतिपूर्ति वनीकरण जरूरी: रावत

भोपाल. वन मंत्री रामनिवास रावत ने कहा है कि प्रदेश में वनीकरण को प्रोत्साहित कर जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने के लिये क्षतिपूर्ति वनीकरण जरूरी है। मंत्री रावत आज वन भवन में कैम्पा राज्य प्रतिकारात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री रावत ने कहा कि 68 परियोजनाओं के क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिये कार्य प्रगति पर है। मंत्री रावत ने कहा कि वन संरक्षण के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों के लिये वन भूमि व्यपवर्तन के प्रकरणों में आवेदक संस्था से राशियाँ प्राप्त की जाती हैं। इनमें क्षतिपूर्ति रोपण, नेट प्रजेन्ट वेल्यू, जल-ग्रहण उपचार कार्य, वन्य-प्राणी प्रबंधन कार्य, औषधि पौध-रोपण और सेफ्टी जोन जैसे कार्य शामिल हैं। मंत्री रावत ने क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, आवाह क्षेत्र शोधन उपचार, वन्य-प्राणी प्रबंधन कार्य के मदवार वित्तीय प्रगति की जानकारी प्राप्त की। मंत्री रावत ने वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित गतिविधियों में नवीन क्षतिपूर्ति वनीकरण की तैयारी, रोपण एवं रख-रखाव कार्य, आवाह क्षेत्र उपचार, वन्य-प्राणी संरक्षण योजना, नवीन रोपण कार्य की भी विस्तृत समीक्षा की।

मंत्री रावत ने बताया कि 932.55 हेक्टेयर क्षेत्र में रोपण कार्य और 29942.05 हेक्टेयर में रख-रखाव कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ, सुलियारी एवं दूधीचुआ तीन परियोजनाओं में वन्य-प्राणी प्रबंध का कार्य वन मण्डल भोपाल, रायसेन, सिंगरौली एवं संजय टाइगर रिजर्व सीधी में किया जा रहा है।

मंत्री रावत ने वन्य-प्राणी रहवास क्षेत्र विकास के अंतर्गत 20 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में चारागाह विकास एवं आवास उन्नयन का कार्य किया जाना है। उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों के भवन निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली। मंत्री रावत ने बताया कि ईको पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के अंतर्गत 944 शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें वन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये लोगों को जागरूक किया गया। समीक्षा बैठक में वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव और वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
 

Comments

Add Comment

Most Popular