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नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी को नोटिस 

नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया। अदालत द्वारा आरोपों पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों की सुनवाई की जाएगी।

राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी और यंग इंडियन और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को भी नोटिस जारी किए, जिनका नाम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अभियोजन शिकायत में है।

न्यायाधीश ने कहा कि ईडी द्वारा नामित लोगों को संज्ञान लेने से पहले सुनवाई का अधिकार है। उन्होंने इस अधिकार को "निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण हिस्सा" बताया। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने एक पिछले मामले का हवाला दिया, जिसमें समन से पहले कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसके विपरीत उन्होंने धारा 223 के अनुरूप वर्तमान मामले में नोटिस जारी करने का समर्थन किया, जैसा कि तरसेम लाल फैसले में व्याख्या की गई है। 

न्यायाधीश गोगने ने कहा कि मामला नोटिस पर विचार के चरण में था और मुख्य कानूनी सवाल यह था कि क्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 223 संज्ञान लेने से पहले आरोपी को नोटिस जारी करने का आदेश देती है। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के साथ असंगत नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, धारा 223 के तहत अभियुक्त को संज्ञान लेने से पहले भी सुनवाई का विशेष अधिकार दिया गया है। यह प्रावधान निष्पक्ष सुनवाई की भावना को दर्शाता है और इसका उद्देश्य झूठे आरोप से बचाव करना है।

बीएनएसएस एक प्रगतिशील कानून है और इस परोपकारी इरादे को अभियुक्त के पक्ष में पढ़ा जाना चाहिए। राजू ने अदालत के तर्क को दोहराया। उन्होंने कहा, हम कुछ भी नहीं छिपा रहे हैं। हम उन्हें संज्ञान लेने से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दे रहे हैं। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को करेगी। 

ईडी ने हाल ही में पीएमएलए, 2002 की धारा 44 और 45 के तहत अपनी अभियोजन शिकायत दर्ज की, जिसमें धारा 3 के तहत अपराध का हवाला दिया गया, धारा 70 के साथ, जो धारा 4 के तहत दंडनीय है। आरोपपत्र में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य का नाम है।

शिकायत केस नंबर 18/2019 के रूप में दर्ज मामले में मुख्य अपराध पहले से ही राउज एवेन्यू कोर्ट में ट्रायल के अधीन है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 403 (बेईमानी से गबन), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के साथ धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध शामिल हैं। पीएमएलए की धारा 44(1)(सी) के तहत मुख्य अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग मामले दोनों की सुनवाई एक ही अदालत में होनी चाहिए।

नेशनल हेराल्ड मामला कांग्रेस पार्टी द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को दिए गए 90 करोड़ रुपए के ऋण से उपजा है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है। बाद में इस ऋण को केवल 50 लाख रुपए में यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप कथित तौर पर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया।

यह मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की एक निजी शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन सहित अन्य लोगों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और संपत्ति के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। ईडी ने इस साल 15 अप्रैल को गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से अभियोजन शिकायत दर्ज की।

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