एमपी की 'लाडली बहनों' के चेहरे पर आएगी मुस्कान, खाते में आने वाली है किस्त जानें कब निकाल सकती हैं?
भोपाल. मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आबकारी विभाग के अधिकारियों को प्रस्तावित नीति में प्रावधान करने को कहा है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि बजट सत्र नजदीक है। ऐसे में सरकार धार्मिक शहरों में शराबबंदी को लेकर आबकारी नीति में संशोधन पर विचार कर रही है।
दरअसल, इसे एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में लागू किया जा सकता है। आबकारी विभाग के अधिकारी शराब से मिलने वाले राजस्व की भरपाई के लिए धार्मिक शहरों की सीमा के बाहर शराब की दुकानें खोलने पर मंथन कर रहे हैं।
उधर, कांग्रेस ने सीएम के बयान पर कहा कि जहां पहले शराब पर प्रतिबंध था, वहां भी धड़ल्ले से शराब बिक रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा- मुख्यमंत्री यादव को रोज नई सुर्खियां बटोरने का शौक हो गया है।
मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा बैठक में आबकारी नीति पर चर्चा की थी। इसमें अफसरों की ओर से दिए गए सुझाव में बदलाव करने को कहा गया है। इसके बाद बजट सत्र से पहले नई आबकारी नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाकर मंजूर कराया जाएगा। इसे एक अप्रैल 2025 यानी नए वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा।
जीतू बोले- जहां शराब बंदी की, वहां धड़ल्ले से बिक रही है प्रदेश में धार्मिक नगरों में शराब बंदी के सीएम मोहन यादव के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि पहले नर्मदा किनारे शराब बंदी का फैसला लिया गया था, लेकिन नर्मदा किनारे एक भी गांव ऐसा नहीं है, जहां अवैध या वैध शराब नहीं बिक रही हो।
पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री रोज नए-नए जुमले देकर लोगों को गुमराह करते हैं, कर्ज लेते हैं, भ्रष्टाचार करते हैं, कमीशन लेते हैं। पटवारी ने कहा कि वे मध्य प्रदेश पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था लाचार होती जा रही है। माफिया राज कर रहे हैं। झूठ बोलना, गुमराह करना मुख्यमंत्री की आदत बन गई है।
अब तक 17 शहर पवित्र शहर घोषित
इससे पहले उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में प्रदेश के 17 शहरों को पवित्र शहर घोषित किया जा चुका है। सरकार ने पवित्र शहर के हिसाब से यहां कई प्रतिबंध लगाने का फैसला भी लिया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हो सका। अब एक बार फिर सीएम मोहन यादव धार्मिक शहरों में शराबबंदी को लेकर फैसला लेने जा रहे हैं।
इन शहरों को घोषित किया गया पवित्र शहर
- उज्जैन, अमरकंटक और महेश्वर (3 फरवरी 2004)
- ओरछा और ओंकारेश्वर (फरवरी 2004)
- मंडला और मुलताई (21 जनवरी 2008)
- दतिया (27 अगस्त 2008)
- जबलपुर (आस्था नगरी 8 जनवरी 2008)
- चित्रकूट, मैहर और सलकनपुर (20 फरवरी 2009)
- मंडलेश्वर (15 अक्टूबर 2010)
- पशुपतिनाथ मंदिर मंदसौर (9 नवंबर 2011)
- ग्वारीघाट जबलपुर और बरमान (22 अप्रैल 2013)
इस बार साधु-संत शिप्रा के जल में ही स्नान करेंगे
प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो गया है। इस पर सीएम यादव ने कहा कि वर्ष 2028 के सिंहस्थ के दौरान साधु-संत को पवित्र शिप्रा के जल में स्नान कराया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की मौजूदगी में परियोजना का भूमिपूजन किया जा रहा है।
सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना सिंहस्थ 2028 से पहले पूरी हो जाएगी। सीएम ने कहा कि इससे पहले 2004 के सिंहस्थ में गंभीर नदी का जल मिलाकर शिप्रा नदी में स्नान किया गया था और 2016 में नर्मदा नदी का जल मिलाकर शिप्रा में स्नान की व्यवस्था की गई थी। अब 2028 में शिप्रा का जल संतों को स्नान के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
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