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सीमा पर पाकिस्तानी सेना की अंधाधुंध गोलीबारी में 4 बच्चों समेत 13 लोगों की मौत

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तोपखाने की कार्रवाई में चार बच्चों और एक सैनिक समेत कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई और 57 अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा मिसाइल हमले किए जाने के बाद पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन पर उन्होंने कहा कि भारतीय सेना भी गोलाबारी का बराबर जवाब दे रही है।

पाकिस्तान द्वारा अंधाधुंध गोलाबारी में घरों, वाहनों और गुरुद्वारा सहित विभिन्न इमारतों को नष्ट कर दिए जाने और सीमावर्ती निवासियों में दहशत पैदा होने के कारण सैकड़ों निवासियों को भूमिगत बंकरों में शरण लेने या सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ जिले में हुआ, जहां 13 लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए। इसके अलावा जम्मू क्षेत्र में राजौरी और उत्तरी कश्मीर में बारामुल्ला और कुपवाड़ा में भी गोलाबारी हुई।

पुंछ में बालाकोट, मेंढर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और यहां तक ​​कि पुंछ जिला मुख्यालय सहित नियंत्रण रेखा के सभी इलाकों से गोलाबारी की खबरें आईं, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचा।

सीमा पार से दोपहर तक गोलाबारी तेज रही और बाद में रुक-रुक कर जारी रही, जो अगले कुछ घंटों तक ज्यादातर पुंछ सेक्टर तक ही सीमित रही। अधिकारियों ने बताया कि भारी गोलाबारी के कारण स्थानीय लोगों को पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस गोलाबारी में पुंछ बस स्टैंड भी क्षतिग्रस्त हो गया। 

अधिकारियों ने बताया कि बारामूला जिले के उरी सेक्टर में दस लोग घायल हो गए, जबकि राजौरी जिले में तीन अन्य घायल हो गए। सेना ने कहा, 6-7 मई 2025 की रात को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार चौकियों से तोपखाने से गोलाबारी सहित मनमाने तरीके से गोलीबारी की।

उन्होंने बताया कि अंधाधुंध गोलीबारी और गोलाबारी में तीन निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। पाकिस्तानी गोलाबारी में घायल हुए नागरिकों को बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी स्थित एक अस्पताल में इलाज कराया गया।  

पंजाब की कई पार्टियों ने इस घटना की निंदा की।

X पर एक पोस्ट में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, पुंछ में पवित्र केंद्रीय गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साहिब पर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अमानवीय हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें भाई अमरीक सिंह जी (रागी सिंह), भाई अमरजीत सिंह और भाई रणजीत सिंह सहित तीन निर्दोष गुरसिखों की जान चली गई।

अधिकारियों ने कहा कि बारामुल्ला जिले के उरी सेक्टर में सीमा पार से की गई गोलाबारी में पांच बच्चों सहित दस लोग घायल हो गए, जबकि राजौरी जिले में तीन अन्य घायल हो गए। उन्होंने कहा कि कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में गोलाबारी के कारण कई घरों में आग लग गई।

अधिकारियों ने मृतकों की पहचान बलविंदर कौर उर्फ ​​रूबी (33), मोहम्मद जैन खान (10), उनकी बड़ी बहन जोया खान (12), मोहम्मद अकरम (40), अमरीक सिंह (55), मोहम्मद इकबाल (45), रंजीत सिंह (48), शकीला बी (40), अमरजीत सिंह (47), मरियम खातून (7), विहान भार्गव (13) और मोहम्मद रफी (40) तथा सेना के एक लांस नायक के रूप में की है। ये मौतें भारत द्वारा बुधवार की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद हुई हैं, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया गया।

आतंकवादी ढांचे पर इन "सटीक हमलों" में मिसाइलों का इस्तेमाल  

पाकिस्तान की सेना ने कहा कि छह स्थानों को निशाना बनाया गया। इनमें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी केंद्र और लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके शामिल हैं। भारतीय रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, हमारी कार्रवाई केन्द्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। भारत ने लक्ष्यों के चयन और निष्पादन के तरीके में काफी संयम दिखाया है। इस बयान में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बीच स्पष्ट संबंध बताया गया है।

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