
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर “अभी भी जारी है”, और देश की सैन्य तैयारी चौबीसों घंटे और पूरे वर्ष “बहुत उच्च” स्तर पर बनी रहनी चाहिए।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यहां सुब्रतो पार्क में आयोजित एक रक्षा संगोष्ठी में संबोधन में सीडीएस ने यह भी कहा कि भविष्य में सेना को “सूचना योद्धाओं, प्रौद्योगिकी योद्धाओं और विद्वान योद्धाओं” की भी आवश्यकता होगी। सीडीएस ने कहा, और युद्ध के इस बदलते परिदृश्य में भविष्य के सैनिक को “सूचना, तकनीक और विद्वान योद्धाओं” तीनों का मिश्रण होना आवश्यक होगा।
‘एयरोस्पेस पावर: भारत की संप्रभुता की रक्षा और राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाना’ विषय पर संगोष्ठी ‘नंबर 4 युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम’ के तत्वावधान में आयोजित की गई थी।
सीडीएस ने कहा कि युद्ध में कोई भी सेना दूसरे स्थान पर नहीं होती और किसी भी सेना को लगातार सतर्क रहना चाहिए और उच्च स्तर की परिचालन तैयारियां बनाए रखनी चाहिए।
जनरल चौहान ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर इसका एक उदाहरण है, जो अभी भी जारी है। हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए, चौबीसों घंटे, पूरे साल।
भारत ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कई आतंकी ढाँचों को ध्वस्त कर दिया।
पाकिस्तान ने भी भारत के खिलाफ आक्रामक हमले शुरू किए और उसके बाद भारत द्वारा किए गए सभी जवाबी हमले भी ऑपरेशन सिंदूर के तहत ही किए गए।
10 मई की शाम को एक समझौते पर पहुँचने के बाद दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच सैन्य संघर्ष रुक गया। सीडीएस ने ‘शास्त्र’ (युद्ध) और ‘शास्त्र’ (ज्ञान प्रणाली) दोनों के बारे में सीखने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।