नई दिल्ली। 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पकड़ने का दावा करने वाले पाकिस्तानी विशेष बल अधिकारी मेजर मोइज़ अब्बास शाह कथित तौर पर खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों के साथ झड़प में मारे गए।
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कथित तौर पर टीटीपी के हमलों में शाह सहित 14 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई। टीटीपी एक सशस्त्र इस्लामी समूह है जो पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर सक्रिय है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने पुष्टि की कि चकवाल के 37 वर्षीय मेजर सैयद मोइज़ अब्बास शाह और बन्नू के 27 वर्षीय लांस नायक जिब्रान उल्लाह गोलीबारी में मारे गए। बयान में आगे कहा गया कि क्षेत्र में बचे हुए आतंकवादियों को खत्म करने के लिए निकासी अभियान जारी है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आईएसपीआर ने कहा कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक गुप्त सूचना के बाद 24 जून, 2025 को सरोगा में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) किया था।
पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें कई आतंकी ठिकानों के साथ आतंकवादी भी मारे गए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। 27 फरवरी 2019 को हवाई युद्ध के दौरान वर्थमान ने एक पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। दुर्भाग्य से हवाई लड़ाई के दौरान वह पीओके के ऊपर से उड़ रहे थे और उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद उसे ग्रामीणों के साथ पाक आर्मी ने पकड़ लिया।
भारत सरकार की सख्ती के बाद आखिरकार विंग कमांडर वर्थमान को 58 घंटे बाद रिहा करना पड़ा। तात्कालीन इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने अभिनंदन को वाघा-अटारी सीमा के माध्यम से रिहा कर दिया।