
भोपाल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को भारत पर भारी टैरिफ़ लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग यानी “सबके बॉस” एक वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय की गति को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सिंह ने कहा कि कुछ लोग भारत के विकास की गति से नाखुश हैं और यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि देश कितनी तेज़ी से प्रगति कर रहा है। राजनाथ ने कहा, ये लोग खुद को “सबका बॉस” मानते हैं और सवाल उठाते हैं कि भारत इतनी तेज़ी से कैसे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कई लोग यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारत में बने उत्पाद अन्य जगहों पर बने उत्पादों की तुलना में ज़्यादा महंगे हों, ताकि बढ़ती कीमतें वैश्विक खरीदारों को हतोत्साहित करें।
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) की रेल कोच निर्माण इकाई का भूमिपूजन करने के बाद अपने संबोधन में सिंह ने कहा, “यह प्रयास जारी है।” उन्होंने पूरे विश्वास के साथ कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत अब भारत को एक प्रमुख वैश्विक शक्ति बनने से नहीं रोक सकती।
ट्रंप ने हाल ही में नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के प्रतिशोध में भारतीय आयात पर 25% टैरिफ के साथ-साथ 25% अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ में और बढ़ोतरी की चेतावनी भी दी, भारत से रूस के साथ अपने लेन-देन बंद करने की मांग की, भारत की अर्थव्यवस्था को “मृत” करार दिया और अपने करीबी सहयोगियों के आरोपों का सामना किया कि नई दिल्ली यूक्रेन में रूस के युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है।
सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति का भारत के रक्षा निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ा है, जो लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश अब 24,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की रक्षा वस्तुओं का निर्यात कर रहा है, इसे भारत के रक्षा क्षेत्र की मजबूती और “नए भारत” की क्षमताओं का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि निर्यात साल दर साल लगातार बढ़ रहा है।
सिंह ने कहा कि जब 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे, तब केवल 600 करोड़ रुपए मूल्य के भारतीय रक्षा उत्पाद दूसरे देशों को निर्यात किए जाते थे। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “आज अगर किसी देश की अर्थव्यवस्था तेज़ और गतिशील है, तो वह भारत की अर्थव्यवस्था है।”
सिंह ने कहा कि 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें स्थान पर था। आज भारत (अर्थव्यवस्था के मामले में) दुनिया के शीर्ष चार देशों में गिना जाता है। उन्होंने आगे कहा, “अगर किसी देश की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है, तो वह हमारा भारत है।” उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि देश आगे बढ़ रहा है और उसके लोग भी आगे बढ़ रहे हैं, क्योंकि अगर देशवासी आगे नहीं बढ़ेंगे, तो भारत आगे नहीं बढ़ सकता।”
सिंह ने कहा कि पहले रक्षा उत्पादन से जुड़ी चीज़ें दुनिया में विदेशियों द्वारा बनाई जाती थीं और भारत उनसे ख़रीदता था, लेकिन आज इनमें से कई चीज़ें सिर्फ़ भारतीय धरती पर ही नहीं, सिर्फ़ हाथों से ही नहीं बन रही हैं। उन्होंने कहा, “हम न केवल भारतीयों की ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों को निर्यात भी कर रहे हैं। दुनिया के देश हमारा सामान खरीद रहे हैं।”
सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का भी ज़िक्र किया, जिसमें अप्रैल में 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। “लोगों को (आतंकवादियों ने) उनका धर्म पूछकर मार डाला। हम लोगों का धर्म पूछकर उन्हें नहीं मार सकते।
हम हत्या में विश्वास नहीं रखते। हम चींटियाँ भी नहीं मारते।” उन्होंने कहा, “हमने संकल्प लिया है कि हम लोगों (आतंकवादियों) को उनके धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि उनके कर्मों के आधार पर मारेंगे।” सिंह ने कहा कि भारत का स्पष्ट रुख है कि “जो हमें उकसाएगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे।”
रेल कोच इकाई का ज़िक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मध्य प्रदेश के रायसेन और विदिशा क्षेत्र के लिए एक बड़ी सौगात है और इससे 5,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा।उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश उद्योगों के मामले में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि राज्य को हाल ही में 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
“अगर नेतृत्व उत्कृष्ट हो, तो विकास तेज़ी से होता है। सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि कुछ सालों बाद लोग मध्य प्रदेश को एक आधुनिक राज्य कहने लगेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि जब यह इकाई बनकर तैयार हो जाएगी, तो आसपास के क्षेत्र का भी तेज़ी से विकास होगा। इससे पहले सिंह ने रायसेन ज़िले के उमरिया गांव में 1,800 करोड़ की लागत से बनने वाली बीईएमएल की रेल कोच इकाई का भूमिपूजन किया।
अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना का नाम ब्रह्मा (बीईएमएल रेल हब फ़ॉर मैन्युफैक्चरिंग) रखा गया है और इसकी शुरुआती उत्पादन क्षमता 125 से 200 कोच प्रति वर्ष होगी, जिसे पाँच वर्षों में बढ़ाकर 1,100 कोच प्रति वर्ष करने का लक्ष्य है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्ति ओबेदुल्ला के दशहरा मैदान में आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।