
भोपाल। खेल विभाग ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को बताया है कि पर्वतारोही मधुसूदन पाटीदार का विक्रम पुरस्कार के लिए आवेदन समय सीमा से बाहर था, क्योंकि उनकी उपलब्धि 2017 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की पांच साल की पात्रता मानदंड से बाहर थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विभागीय नियमों के अनुसार, खिलाड़ियों को पिछले पांच वर्षों की उपलब्धियों के आधार पर विक्रम पुरस्कार के लिए आवेदन करना होता है। एक अधिकारी ने कहा, “अगर उन्होंने 2022 के पुरस्कार के लिए आवेदन किया होता, तो इस पर विचार किया जा सकता था।”
5 अगस्त को इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने रवींद्र कन्वेंशन सेंटर में आयोजित शिखर खेल अलंकरण समारोह में भावना देहरिया को साहसिक खेल श्रेणी में 2023 का विक्रम पुरस्कार प्रदान करने पर अस्थायी रोक लगा दी थी।
पाटीदार ने देहरिया के चयन को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की थी। इसके अलावा एक अन्य पर्वतारोही मेघा परमार ने भी 2023 की पुरस्कार सूची में अपना नाम शामिल करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है। कानूनी पचड़े के बावजूद इस कार्यक्रम में 11 एथलीटों को विक्रम पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।