
—अब्बास के चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी भी दोषी, 6 महीने की जेल
लखनऊ। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे यूपी विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। अब यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई है।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने 2022 के भड़काऊ भाषण मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई अभियोजन पक्ष के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने 3 मार्च 2022 को पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ प्रशासन को धमकाते हुए कहा था कि वह चुनाव के बाद बदला लेंगे और उन्हें सबक सिखाएंगे।
इसके पहले गैंगस्टर से नेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी को शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की एक स्थानीय अदालत ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज किए गए भड़काऊ भाषण के मामले में दोषी ठहराया। उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई गई है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त होने की संभावना है।
विवादास्पद भाषण के दौरान मंच पर मौजूद अब्बास के चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी मामले में दोषी ठहराया गया और छह महीने जेल की सजा सुनाई गई। इस बीच जनसभा स्थल पर भी मौजूद रहे अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को अदालत ने बरी कर दिया।
अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह के अनुसार, अब्बास और मंसूर दोनों ने 20-20 हजार रुपये के जमानत बांड जमा किए और उन्हें जमानत दे दी गई।
अंसारी पर एक चुनावी भाषण देने के बाद मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर राज्य सरकार के अधिकारियों को धमकी दी थी कि अगर समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आई तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।
यह भाषण 2022 के विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान दिया गया था, जब ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थी और उसे चुनाव लड़ने के लिए मऊ सीट आवंटित की गई थी। हालांकि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के दबाव में एसबीएसपी ने मऊ सदर से अपने चुनाव चिह्न पर सपा उम्मीदवार अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा।
मऊ सदर विधायक अब्बास अंसारी, गैंगस्टर से नेता बने दिवंगत मुख्तार अंसारी के बेटे को शनिवार को मऊ जिले की एक स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराया। रैली को संबोधित करते हुए अंसारी ने कहा था, मैंने अखिलेश जी से कहा है कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक नौकरशाहों का कोई तबादला या पोस्टिंग नहीं होगी। सभी वहीं रहेंगे जहां वे हैं। पहले ‘हिसाब-किताब’ होगी, उसके बाद ही तबादले होंगे।
इसके बाद उन पर भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप के तहत आईपीसी 506 (आपराधिक धमकी), 171F (चुनाव में अनुचित प्रभाव या व्यक्तित्व का इस्तेमाल), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में सरकारी कर्मचारी को बाधा पहुंचाना), 189 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने की धमकी), 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120B (आपराधिक साजिश)। के तहत मामला दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव ने बताया, अदालत के आदेश की प्रति प्राप्त होने पर विधानसभा सचिवालय संबंधित सीट को रिक्त घोषित कर देता है और इसकी सूचना राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज देता है, जो रिक्त सीट पर उपचुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजता है।