
भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ ने गुरुवार को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (एमपीपीटीसीएल) को भर्तियों में ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षण न दिए जाने पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने पूछा कि एमपीपीटीसीएल सीधी भर्ती में ओबीसी को 10 प्रतिशत छूट क्यों नहीं दे पाई।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एमपीपीटीसीएल ने 24 जून, 2025 को विभिन्न नियमित पदों पर सीधी भर्ती के लिए एक विज्ञापन जारी किया था। इसमें सहायक अभियंता के 42 पद, विधि अधिकारी का 01 पद, कनिष्ठ अभियंता के 114 पद, कनिष्ठ अभियंता सिविल के 10 पद, लाइन अटेंडेंट के 20 पद, उपकेंद्र अटेंडेंट के 158 पद और सर्वेयर अटेंडेंट के 08 पद शामिल हैं।
उक्त विज्ञापन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को शैक्षणिक योग्यता में 10% की छूट दी गई है, लेकिन अनारक्षित वर्ग (यूआर) की तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 65% अंक निर्धारित किए गए हैं। उक्त विज्ञापन में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की छूट का उल्लेख नहीं किया गया है, जबकि कानून में छूट देने का प्रावधान है।
वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने बताया, “हमने उक्त विज्ञापन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एम.एस. भट्टी की खंडपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई की। याचिकाकर्ता को भर्ती में शामिल करने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित किया गया है। उच्च न्यायालय ने कंपनी को हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।”