
नई दिल्ली। Time Magzine: टाइम पत्रिका ने भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल को दुनिया के 100 उभरते सितारों की अपनी सूची में शामिल किया है। जायसवाल 2025 टाइम 100 नेक्स्ट में शामिल होने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं। उन्होंने एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के जरिए इसकी घोषणा की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!10 साल की उम्र में मुंबई आ गए
यशस्वी जायसवाल क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए 10 साल की उम्र में घर से भागकर मुंबई आ गए, लेकिन उनके पास न तो पैसे थे और न ही बड़े शहर में कोई संपर्क। इस दौरान ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने एक डेयरी में काम करना शुरू कर दिया। इससे उन्हें कुछ पैसे और रहने की जगह मिल गई। हालांकि, कुछ समय बाद डेयरी मालिक ने यशस्वी को नौकरी से निकाल दिया।
दरअसल, ट्रेनिंग के बाद, वह इतना थक जाते थे कि काम नहीं कर पाते थे। इससे तंग आकर उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके बाद वह ग्राउंड्समैन के टेंट में जमीन पर सोने लगे। इस दौरान, गुजारा चलाने के लिए वह अपने ही क्रिकेट मैदान के बाहर पानी-पूरी बेचा करते थे।
“मैं क्रिकेटर बनकर ही लौटूंगा।”
जायसवाल की मां कंचन जायसवाल कहती हैं, “अपने बेटे की बात सुनकर हम उसे घर लौटने को कहते थे, क्योंकि उसे बहुत परेशानी हो रही थी। लेकिन वह कहता था कि जब तक वह बड़ा क्रिकेटर नहीं बन जाता, तब तक वापस नहीं लौटेगा। वह उस टेंट में रहकर खुश था।” यशस्वी अपनी मां से कहता था कि अगर वह मैदान पर रहे तो ज़्यादा आसानी होगी। उठते ही उसे क्रिकेट नजर आता था।
इसी जद्दोजहद के बीच एक दिन यशस्वी की नजर मुंबई के कोच ज्वाला सिंह पर पड़ी। यशस्वी की प्रतिभा को देखते हुए ज्वाला सिंह ने न सिर्फ उसे ट्रेनिंग देने का फैसला किया, बल्कि उसके रहने और खाने-पीने की भी व्यवस्था की।
ज्वाला सिंह कहते हैं, “मैं उनकी मदद करना चाहता था, क्योंकि मेरी कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मैं भी छोटी उम्र में क्रिकेटर बनने के लिए उत्तर प्रदेश से मुंबई आया था। मुझे भी ऐसे ही संघर्षों का सामना करना पड़ा है। जब मैंने उन्हें देखा, तो वे ग्राउंड्समैन और माली के साथ एक टेंट में रह रहे थे। मैंने उनसे कहा कि मैं उनका पूरा साथ दूँगा।”
यशस्वी ने अंडर-19 विश्व कप में अपनी काबिलियत साबित की
अंडर-19 विश्व कप 2020 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुआ था। यशस्वी ने पाँच अर्धशतक और एक शतक लगाकर क्रिकेट जगत में ख्याति प्राप्त की। इसी प्रदर्शन के आधार पर उन्होंने दुबई में आयोजित 2020 आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए कुछ मैच खेले। अपने खराब प्रदर्शन के कारण, उन्हें अधिकांश मैच छोड़ने पड़े। इसके बाद यशस्वी का प्रदर्शन बिगड़ता गया और वे बेहद निराश हो गए।
यशस्वी को लगा कि वे फिर कभी भारत के लिए नहीं खेल पाएंगे
यशस्वी ने अपने खेल में सुधार के लिए फिर से अपने पुराने कोच ज्वाला सिंह की ओर रुख किया। फिर कोविड-19 महामारी आ गई। मुंबई समेत पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। एक समय तो यशस्वी को लगा था कि वह कभी भारतीय टीम के लिए नहीं खेल पाएंगे।
कोविड-19 महामारी के दौरान विशेषज्ञों की रिपोर्ट्स में कहा गया था कि वह कई सालों तक इस बीमारी से जूझते रहेंगे। उनकी बढ़ती उम्र ने यशस्वी की निराशा को और बढ़ा दिया। उन्हें लगा कि उनका करियर खत्म हो गया है।