भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में कम से कम 15 विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है। इनमें से लगभग आधा दर्जन विधेयक पेश किए जाने लगभग तय हैं, जबकि शेष विधेयकों पर अभी चर्चा चल रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!संसदीय कार्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, विधि विभाग ने सभी 15 प्रस्तावित विधेयकों की जाँच कर ली है। इनमें से चार विधेयकों को मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सूचीबद्ध विधेयकों में से लगभग छह विधेयक सत्र में पेश किए जाने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव विधानसभा की तैयारियों की समीक्षा और विधेयकों से संबंधित चर्चा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक बुला सकते हैं। जिन विधेयकों के पेश किए जाने की उम्मीद है, उनमें से तीन वाणिज्यिक कर विभाग के हैं, जबकि दो पंजीकरण से संबंधित और एक जीएसटी से संबंधित हैं।
इसके अलावा वित्त विभाग एक विनियोग विधेयक पेश करेगा, जबकि श्रम विभाग का एक विधेयक सूची में है। उच्च शिक्षा विभाग विक्रम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सम्राट विक्रम विश्वविद्यालय करने का प्रस्ताव रखने वाला एक विधेयक भी पेश करने वाला है।
इस बीच दो महत्वपूर्ण विधेयक अग्नि सुरक्षा विधेयक और आदर्श किरायेदारी विधेयक एक बार फिर पेश होने की संभावना नहीं है। ये मसौदे कई वर्षों से लंबित हैं और तैयार होने के बावजूद संशोधन के लिए बार-बार सुझाव आने के कारण इनमें देरी हो रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सूत्रों ने बताया कि अग्नि सुरक्षा अधिनियम के मसौदे में एक अलग अग्नि नियंत्रण मुख्यालय स्थापित करने का एक महँगा प्रस्ताव शामिल है, जिसके कारण इसमें देरी हुई है।
राज्य सरकार जन विश्वास 2.0 विधेयक पर भी काम कर रही है, जिसमें 13 विभिन्न विभागों के 45 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है। हालांकि, यह समझा जाता है कि विधेयक अभी भी वरिष्ठ सचिवों की समिति से अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहा है, और हो सकता है कि यह इस सत्र तक समय पर तैयार न हो।