
रीवा। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने दावा किया कि लगभग 25 लाख रुपए की लागत से बना एक तालाब गायब हो गया है। सोने या जवाहरात की तलाश करने के बजाय लोग अब उस पानी की तलाश कर रहे हैं, जो एक सार्वजनिक तालाब में जमा होना चाहिए था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दिलचस्प बात यह है कि एक आरटीआई आवेदन से पता चला है कि एक सरकारी योजना के तहत 25 लाख रुपए के बजट से एक तालाब का निर्माण किया गया था, लेकिन जब ग्रामीण इसे देखने गए, तो उन्हें तालाब का कोई निशान नहीं मिला।
इससे हैरान ग्रामीणों ने स्थानीय अधिकारियों, पुलिस और यहां तक कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया। फिर भी, तालाब का पता नहीं चल सका।
इंतज़ार करते-करते थककर ग्रामीणों ने लापता तालाब को खोजने वाले को इनाम देने की घोषणा की। मामला अब ज़िला कलेक्टर के पास पहुंच गया है। फिलहाल कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।
बिहार में भी ऐसी ही घटना
यह असामान्य मामला अपनी तरह का पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले बिहार में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी, जहां सरकारी धन से बना एक तालाब “गायब” हो गया था। उस मामले ने सुर्खियां बटोरी थीं और सरकारी धन के दुरुपयोग पर सवाल उठाए थे।
रीवा प्रकरण ने अब ग्रामीण विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार और निगरानी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। जब तक जांच से जवाब नहीं मिलता, ग्रामीण अपने गायब तालाब के मिलने का इंतज़ार करते हुए उलझन में हैं।