
भोपाल। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक नया राजनीतिक समीकरण उभर रहा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की पसंद से बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!खंडेलवाल आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी और भाजपा के वरिष्ठ नेता सौदान सिंह के करीबी हैं। अब जबकि खंडेलवाल प्रदेश पार्टी इकाई के अध्यक्ष बन गए हैं, तो यादव और मजबूत होकर उभरेंगे। सरकार में डोरे डालने वाले यादव अब और ताकतवर नजर आएंगे। यादव के मुख्यमंत्री बनने से पहले वीडी शर्मा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।
वीडी का संगठन पर पूरा नियंत्रण है, लेकिन खंडेलवाल इस काम में नए हैं। यादव आरएसएस और एबीवीपी से जुड़े रहे हैं। इसलिए वे संगठन को अच्छी तरह समझते हैं।
इस पृष्ठभूमि में सरकार और संगठन के बीच बेहतर समन्वय होगा। यादव और खंडेलवाल दोनों को सोनी का समर्थन प्राप्त है। चूंकि दोनों एक-दूसरे से बहुत करीब से जुड़े हुए हैं, इसलिए सीएम और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बीच बेहतर समन्वय होगा। खंडेलवाल को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने 2006 का इतिहास दोहराया।
2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पसंद पर नरेंद्र सिंह तोमर को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष चुना गया था। 19 साल बाद किसी विधायक को संगठन की बागडोर सौंपी गई है। पिछले सालों में सांसदों को पार्टी की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष चुना जाता रहा है। खंडेलवाल चूंकि शिवराज सिंह चौहान के भी करीबी हैं, इसलिए प्रदेश में उनकी ताकत और बढ़ेगी।
वीडी को दिल्ली में मिलेगी जिम्मेदारी
अब जबकि हेमंत खंडेलवाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन गए हैं, ऐसे में संभावना है कि वीडी शर्मा को दिल्ली में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अगले महीने हो सकता है। शर्मा को पार्टी की राष्ट्रीय टीम में शामिल किया जा सकता है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर शर्मा का पांच साल का कार्यकाल सफल रहा है। ऐसे में बीजेपी उन्हें केंद्र में भी इस्तेमाल कर सकती है।