
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को 500 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की मेडिकल आपूर्ति की खरीद में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर छापेमारी की।
अधिकारियों के अनुसार, रायपुर, दुर्ग और आसपास के इलाकों में सरकारी अधिकारियों, मेडिकल आपूर्तिकर्ताओं, एजेंटों और बिचौलियों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई।
यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है और यह राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा (एसीबी/ईओडब्ल्यू) द्वारा अप्रैल 2025 में दायर आरोपपत्र पर आधारित है। आरोपपत्र में छह व्यक्तियों के नाम हैं और 2023 में चिकित्सा उपकरणों और अभिकर्मक रसायनों की खरीद में कथित अनियमितताओं के कारण राज्य के खजाने को 550 करोड़ का नुकसान होने का आरोप लगाया गया है।
एसीबी/ईओडब्ल्यू ने इससे पहले 22 जनवरी 2025 को छत्तीसगढ़ चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अधिकारियों के साथ-साथ चार निजी फर्मों, मोक्ष कॉर्पोरेशन और सीबी कॉर्पोरेशन (दोनों दुर्ग स्थित), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम एचएसआईआईडीसी (पंचकुला, हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आरोप—पत्र के अनुसार, सीजीएमएससीएल ने मोक्ष कॉर्पोरेशन और एक संबंधित मुखौटा कंपनी के साथ मिलीभगत करके जनवरी 2022 और अक्टूबर 2023 के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इन वस्तुओं की वास्तविक आवश्यकता या उपलब्धता की पुष्टि किए बिना बड़े पैमाने पर खरीदारी की थी। खरीद प्रक्रिया में कथित तौर पर मानक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया गया और इसके परिणामस्वरूप काफी वित्तीय नुकसान हुआ।
छत्तीसगढ़ में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए दवाओं, नैदानिक उपकरणों और संबंधित चिकित्सा आपूर्तियों की केंद्रीकृत खरीद के लिए सीजीएमएससीएल जिम्मेदार राज्य एजेंसी है। एजेंसी प्रक्रियागत खामियों, जैसे कि अधिक बिलिंग, आवश्यकता-आधारित मूल्यांकन का अभाव और गैर-पारदर्शी विक्रेता चयन के कारण जांच के दायरे में आ गई है।
जांच के दौरान किए गए एक फोरेंसिक ऑडिट में कथित तौर पर खरीद आदेशों में व्यापक अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें वस्तुओं की खरीद बढ़ी हुई कीमतों पर और वास्तविक मांग से अधिक की गई। कई मामलों में, चिकित्सा आपूर्ति कथित तौर पर बजटीय अनुमोदन या भंडारण अवसंरचना के बिना की गई, जिससे अपव्यय और वित्तीय कुप्रबंधन हुआ। ईडी की जांच जारी है। तलाशी के परिणामों के बारे में एजेंसी द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।