
जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पहली बार, पुलिस ने एक मददगार को गिरफ्तार किया है, जो आतंकवादी हमलों में शामिल था। पुलिस ने लश्कर ए तैयबा यानी टीआरएफ के सक्रिय सदस्य मोहम्मद यूसुफ कटारिया नामक एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। जांच से पता चला है कि यूसुफ ने आतंकवादियों को समर्थन देने की साजिश रची थी। हालांकि, वह बैसरन नरसंहार हमलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पुलिस विभाग के अनुसार, कटारिया को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। ब्रिनल-लामड़ इलाके में गिरफ्तार किए गए अपराधियों को पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। वह कुलगाम के ऊपरी इलाकों में रहने वाले खानाबदोश समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जहां पहाड़ी इलाकों में झोपड़ियां बनी हुई हैं। इस इलाके के मछुआरे अक्सर दक्षिण कश्मीर के विभिन्न इलाकों में जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि यूसुफ का पता लगाने के लिए रिवर्स इन्वेस्टिगेशन का इस्तेमाल किया गया। जांच दल ने विभिन्न सुरागों का विश्लेषण किया और उसे गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जाँच में यह भी पता चला कि कटारिया ने हथियार, राशन और अन्य आवश्यक सामान चुराए थे। पुलिस ने इस हमले को आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि इससे दक्षिण कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी।
22 अप्रैल को हुआ था आतंकवादी हमला
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसर घाटी में हुए एक घातक आतंकवादी हमले में 25 आतंकवादी और एक नागरिक मारे गए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन एमबीएम-ए-तैयबा के संस्थापक द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली थी।
इस हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव में कई आतंकवादियों को मार गिराया। पहले गाम हमलों के बाद पहले सप्ताह में चार बड़े आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किए गए, जिनमें से अधिकांश दक्षिण कश्मीर के शोपियां और सरहदी इलाकों पर केंद्रित थे। मई के मध्य में दो और अभियान चलाए गए, जिनमें आक्रामक रणनीति अपनाई गई।