भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। शाह के आवास पर दोनों नेताओं के बीच तकरीबन एक घंटे तक बैठक चली। इससे पहले मुख्यमंत्री 24 सितंबर को दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद सीएम ने X पर लिखा, “गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की और मार्गदर्शन मांगा।”
इसके पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार देर रात दिल्ली पहुंचे और सीधे अशोक रोड स्थित अपने सरकारी आवास गए। बुधवार सुबह उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक मुलाकात हुई, जिसके बाद वे भोपाल के लिए रवाना हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. यादव ने गृह मंत्री शाह को मध्य प्रदेश में कफ सिरप मामले में की जा रही कार्रवाई की विस्तार से जानकारी दी। शाह ने सीएम को इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दोनों नेताओं ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर भी चर्चा की। उन्होंने राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात, आगामी विकास परियोजनाओं और केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी चर्चा की।
सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में बोर्ड और निगम अध्यक्षों के पद लंबे समय से खाली हैं। इन पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों के लिए पार्टी के कई प्रमुख नेताओं को इंतजार है। इन नियुक्तियों को लेकर कई दिनों से मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन सभी को एकमत करने की कोशिश में जुटे हैं। अंतिम सूची आलाकमान की मंज़ूरी के बाद जारी होने की संभावना है।
उधर, मुख्यमंत्री के लगातार दिल्ली दौरे पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस सवाल उठाती रही है। हालांकि, जानकार इसे मोहन सरकार के केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क और संवाद का संकेत मान रहे हैं। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में बोर्ड और निगम अध्यक्षों के पद रिक्त हैं। इसके अलावा, प्रदेश भाजपा संगठन में भी नियुक्तियां होनी हैं। इसलिए, आलाकमान से सलाह लेना मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे का एक कारण हो सकता है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस सचिव अनुरोध ललित जैन ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौत हो रही है, लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपना होमवर्क करवाने के लिए बार-बार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। राज्य के कांग्रेस नेता पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं, लेकिन सरकार के मुखिया होने के नाते, मुख्यमंत्री यादव कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है। इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में दो नवजात शिशुओं को चूहों ने काट लिया, जिससे उनकी मौत हो गई। अब कफ सिरप से बच्चों की मौत हो गई है। इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? हम 9 अक्टूबर को ब्लॉक और ज़िला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकालेंगे। हम मृतक बच्चों को श्रद्धांजलि देंगे और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मिलन भार्गव कहते हैं, “केंद्र और राज्य में हमारी सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत और विकसित मध्य प्रदेश अभियान के तहत राज्य में कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। इन योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से बातचीत जरूरी है। इसलिए मुख्यमंत्री और विभिन्न मंत्री अक्सर दिल्ली आते रहते हैं। हमारी पार्टी एक परिवार है।” ऐसे में कई संगठनात्मक कार्यों के लिए मुख्यमंत्री का शीर्ष नेतृत्व से मिलना अनिवार्य है। इस बीच, कांग्रेस नेता हिसाब-किताब और सत्ता पाने के लिए दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं।
32 दिनों में 4 बार दिल्ली दौरा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पिछले 32 दिनों में चार बार दिल्ली दौरा कर चुके हैं। इन दौरों के दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। सीएम ने संगठन महामंत्री बीएल संतोष और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मुलाकात की। इस दौरान सीएम की पार्टी पदाधिकारियों के साथ विभिन्न मुदृों पर बातचीत की।