भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी बुधवार को कुछ किसानों के साथ कंधे पर गेहूं की बोरी लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास पर पहुंचे। पटवारी के वहां पहुंचते ही पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। जब चौहान को पता चला कि पटवारी उनके आवास पर हैं, तो वे तुरंत बाहर आए और उनका और किसानों का स्वागत किया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!फिर उन्होंने उन्हें अपने आवास के अंदर बुलाया और उनसे बातचीत की। चौहान ने पटवारी और किसानों को आश्वासन दिया कि वे किसानों के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
पटवारी ने कहा कि किसान भावांतर योजना नहीं चाहते और सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होनी चाहिए। बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत में पटवारी ने कहा कि आठ किसानों ने आत्महत्या की है, जिसके लिए सरकार ज़िम्मेदार है।
किसानों को आश्वासन दिया गया था कि सरकार सोयाबीन की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी, लेकिन सरकार भावांतर योजना के नाम पर ठीक इसके उलट कर रही है। उन्होंने कहा कि बीमा योजना को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए और किसानों को सोयाबीन के लिए 6,000 रुपए, धान के लिए 3,100 रुपए और गेहूं के लिए 2,700 रुपए का एमएसपी मिलना चाहिए।
पटवारी के किसानों के साथ चौहान के आवास पर अचानक पहुंच जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। चौहान की सराहना की जानी चाहिए कि वह अपने आवास से बाहर आए और किसानों से बातचीत की।
खंडेलवाल ने कहा कि पटवारी के ऐसे आचरण के कारण कांग्रेस को परेशानी हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि पटवारी सोयाबीन के बारे में बात करने चौहान के आवास पर गए थे, लेकिन उनके पास गेहूं का एक बोरा था।
पुलिस से झड़प
जब जीतू पटवारी गेहूं की बोरी लेकर कांग्रेस कार्यालय से बाहर निकले, तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की। पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद पटवारी चौहान के आवास पहुंच गए।
पटवारी सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर
पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री मुकेश नायक और उनके लगभग दो दर्जन अज्ञात समर्थकों के खिलाफ बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास के बाहर बिना अनुमति के धरना देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
पटवारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ फसल के उचित दाम की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री के आवास पर पहुंचे और इस मुद्दे को उठाने के लिए गेहूं की बोरियां भी साथ लाए। जब उन्हें अंदर जाने से रोका गया, तो प्रदर्शनकारियों ने गेहूं की बोरियां सड़क पर पलट दीं और धरना दे दिया।
पुलिस ने हस्तक्षेप किया, जिसके परिणामस्वरूप मामूली झड़प हुई। टीटी नगर थाना प्रभारी गौरव दोहर ने पुष्टि की कि प्रदर्शन के लिए अनुमति लेने संबंधी नियमों का उल्लंघन होने के कारण कानूनी कार्रवाई की गई।