भोपाल। मध्य प्रदेश में वर्दी की आड़ में भ्रष्टाचार के मामले दिन—प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। सिवनी में हवाला के रुपए लूटने के मामले में पूरे थाना स्टाफ पर एफआईआर और गिरफ्तारी के बाद फिर वर्दी की आड़ में रुपए ऐंठने का मामला सामने आया है। प्रदेश के सिवनी में जबलपुर से आई लोकायुक्त टीम ने गुरुवार को एक कांस्टेबल को 75,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसने एफआईआर दर्ज करने के बदले एक शिकायतकर्ता से कुल 5 लाख रुपए की मांग की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जानकारी के अनुसार, मनीष पटवा नाम का आरोपी सिवनी जिले के केवलारी थाने में तैनात है और प्रधान आरक्षक (हेड कांस्टेबल) के पद पर कार्यरत है। सूत्रों के मुताबिक, पटवा ने एफआईआर दर्ज करने के बदले एक शिकायतकर्ता से कुल 5 लाख की मांग की थी।
इससे पहले, वह रिश्वत के तौर पर 25,000 रुपए ले चुका था। लोकायुक्त टीम ने उसे तब गिरफ्तार किया, जब उसने 75,000 की अगली किश्त स्वीकार की।
पटवा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और अधिकारी इस बात की जाँच कर रहे हैं कि क्या वह रिश्वतखोरी के अन्य मामलों में भी शामिल थे। गिरफ्तार अधिकारी फिलहाल लोकायुक्त की हिरासत में है और उससे आगे पूछताछ की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता पर एफआईआर दर्ज करने से पहले रिश्वत देने का दबाव बनाया गया था। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त टीम ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसके बाद उसे सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया।
यह घटना लोक सेवकों को एक कड़ा संदेश देती है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा है कि सरकारी कामकाज में ईमानदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस तरह के और भी ऑपरेशन जारी रहेंगे।