वाशिंगटन। पाकिस्तान अब हमास के गुर्गों के लिए एक नया आधार बन गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां अंतर्राष्ट्रीय समुदाय गाज़ा में हमास के विसैन्यीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वहीं वह इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता कि कैसे पाकिस्तान इस आतंकवादी समूह के लिए नई ज़मीन बनकर उभर रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अमेरिका स्थित मिडिल ईस्ट फोरम की एक रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इज़राइल पर हमले के बाद से, पाकिस्तान में हमास के विशेष प्रतिनिधि, नाजी ज़हीर को रैलियों और सम्मेलनों में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है और उन्होंने अमेरिका द्वारा घोषित आतंकवादी समूहों, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के साथ मंच साझा किया है। पाकिस्तान में उनकी उपस्थिति “हमास के एजेंडे के प्रति इस्लामाबाद की स्पष्ट सहिष्णुता, भले ही समर्थन न हो,” दर्शाती है।
मिडिल ईस्ट फोरम में मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमईएमआरआई) की परियोजना निदेशक अन्ना महजर-बारदुची ने लिखा, “अक्टूबर 2023 से पाकिस्तान में ज़हीर की उपस्थिति में नाटकीय रूप से विस्तार हुआ है, जिससे वह उन हाई-प्रोफाइल कार्यक्रमों में एक स्थायी सदस्य बन गए हैं जो फ़िलिस्तीन समर्थक बयानबाज़ी को जिहादी नेटवर्किंग के साथ मिलाते हैं। हमास के विशेष प्रतिनिधि के रूप में देश में रहते हुए जहीर ने रैलियों को संबोधित किया है और पेशेवर संस्थाओं से प्रशंसा प्राप्त की है।”
इज़राइली नागरिकों पर हमास के हमले के ठीक एक हफ़्ते बाद जहीर ने पेशावर में एक फ़िलिस्तीन समर्थक रैली में भाषण दिया, जिसमें हमास नेता खालिद मशाल ने वर्चुअल रूप से भाग लिया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मशाल ने कहा कि वह फिलिस्तीनी लोगों के लिए पाकिस्तान के समर्थन की सराहना करते हैं।
कुछ ही हफ़्तों बाद 2 नवंबर को जहीर ने कराची में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फ़ज़ल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान द्वारा आयोजित 12 दिवसीय विरोध प्रदर्शन ‘तूफ़ान-ए-अक्सा सम्मेलन’ में वर्चुअली हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन हमास नेता इस्माइल हनीया ने कहा, “मैं पूरी मुस्लिम उम्माह को संबोधित करता हूं। यह युद्ध सिर्फ फिलिस्तीन के लिए नहीं है, यह पूरी उम्माह के लिए है।”
रिपोर्ट में कहा गया है, “पाकिस्तान हमास के गुर्गों के लिए एक नया आधार बनकर उभरा है। यह आतंकवाद के ख़िलाफ़ वैश्विक लड़ाई में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में इस्लामाबाद की साख को चुनौती देता है—और अमेरिका के एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में उसकी स्थिति पर सवाल उठाता है।”
जनवरी 2024 में नाजी जहीर ने कराची प्रेस क्लब का दौरा किया, जहां उन्होंने इजराइल की आलोचना की और पाकिस्तानी पत्रकारों से इजराइल विरोधी कवरेज बढ़ाने का आग्रह किया। 2024 के अंत में जहीर जेयूआई-एफ द्वारा आयोजित “इजराइल की मौत” सम्मेलन के लिए पेशावर में थे। इसके अलावा तेहरान में हमास के दूत खालिद कद्दौमी ने मीडिया ब्रीफिंग और पाकिस्तानी संस्थानों में आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से इस आतंकवादी समूह के संदेश को और मजबूत किया है।
मिडिल ईस्ट फ़ोरम की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का हमास की विचारधारा और गतिविधियों के लिए एक पनाहगाह के रूप में उभरना अब काल्पनिक नहीं रह गया है, जैसे-जैसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय गाजा में हमास के विसैन्यीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, वह इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि पाकिस्तान हमास के लिए फिर से जीवंत होने का अगला उपजाऊ मैदान बन रहा है।”