
—भोपाल में मोदी ने की ऑपरेशन सिंदूर में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला कर्मियों के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि सीमा सुरक्षा बल की “बहादुर बेटियों” ने असाधारण वीरता का परिचय दिया। भोपाल में ‘लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि शक्ति की पूजा के दौरान हम सिंदूर चढ़ाते हैं, जो आज भारत की वीरता का प्रतीक बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा, पहलगाम में आतंकवादियों ने न केवल भारतीयों का खून बहाया, बल्कि उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी हमला किया। उन्होंने हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश की। इन आतंकवादियों ने भारत की महिला शक्ति को चुनौती दी है, एक चुनौती जो अब आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए एक दुःस्वप्न में बदल गई है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा, ऑपरेशन सिंदूर भारत का सबसे बड़ा और सबसे सफल आतंकवाद विरोधी अभियान है। हमारी सेना ने उन जगहों पर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिनकी पाकिस्तान की सेना ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के माध्यम से छद्म युद्ध अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अब हम दुश्मन के इलाके में भी हमला करेंगे और आतंकवादियों का समर्थन करने वालों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की ‘नारी शक्ति’ का प्रतीक भी बन गया है।
मोदी ने कहा, अब 140 करोड़ भारतीय कह रहे हैं, अगर गोली चलाओगे तो बम से जवाब देने के लिए तैयार रहो। ऑपरेशन सिंदूर नारी शक्ति का प्रतीक भी बन गया है। हम सभी जानते हैं कि इस ऑपरेशन में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण थी। बीएसएफ की बेटियां जम्मू से लेकर पंजाब, राजस्थान और गुजरात सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर डटी रहीं। उन्होंने सीमा पार से होने वाली गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लेकर दुश्मन की चौकियों को नष्ट करने तक बीएसएफ की बहादुर बेटियों ने असाधारण वीरता का परिचय दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्कूलों से लेकर युद्ध के मैदानों तक, आज देश को अपनी बेटियों के साहस पर अभूतपूर्व भरोसा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पहली बार सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले गए हैं। 2014 से पहले एनसीसी कैडेटों में केवल 25% लड़कियां थीं, लेकिन अब यह संख्या 50% की ओर बढ़ रही है। महिला कैडेटों का पहला बैच राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से पास आउट हो चुका है।
आज महिलाओं को सेना, नौसेना और वायु सेना में अग्रिम पंक्ति के पदों पर तैनात किया जा रहा है। लड़ाकू विमान उड़ाने से लेकर आईएनएस विक्रांत पर सेवा देने तक, महिला अधिकारी असाधारण बहादुरी का प्रदर्शन कर रही हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब महिलाओं को नई तकनीकों से दूर रखा जाता था, लेकिन आज सरकार प्रयास कर रही है कि हमारी महिलाएं आधुनिक तकनीक में आगे बढ़ें। कृषि में ड्रोन क्रांति हो रही है।
उन्होंने कहा, नमो ड्रोन दीदी पहल के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का आत्मविश्वास और आय बढ़ रही है। आज हमारी बड़ी संख्या में बेटियां डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बन रही हैं। हमारे सभी प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों में, हमारी माताएं और बहनें वैज्ञानिक के रूप में काम कर रही हैं। चंद्रयान-3 मिशन में 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं।
