भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का विंटर सेशन सोमवार 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। पहली बार विंटर सेशन चार दिन का होगा। विंटर सेशन का समय छोटा होने की वजह से विपक्ष सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों को लेकर दुविधा में है। जुलाई में हुए मॉनसून सेशन और दिसंबर में होने वाले विंटर सेशन के बीच बहुत सारे मुद्दे सामने आए हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!विपक्ष के साथ दिक्कत यह है कि वे इस उलझन में हैं कि वे क्या उठाएं और क्या छोड़ें। छिंदवाड़ा में ज़हरीले कफ सिरप से 26 बच्चों की मौत राज्य का सबसे बड़ा मुद्दा है। घटिया कफ सिरप ने एक के बाद एक मरने वाले बच्चों की किडनी खराब कर दी। यह मुद्दा इंटरनेशनल फोरम पर उठा। कफ सिरप हादसे के बाद राज्य में लॉ एंड ऑर्डर एक बड़ी समस्या बन गई है।
रायसेन जिले के गौहरगंज इलाके में छह साल की बच्ची के साथ रेप की घटना ने हंगामा खड़ा कर दिया। इसी तरह, राज्य की राजधानी में हो रही क्राइम की घटनाएं सरकार के लिए चुनौती बन गई हैं।
वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) के कैंपस में हुई हिंसा भी एक बड़ा मुद्दा बन गई है।फर्टिलाइजर की कमी, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है, एक और समस्या है जिसका सामना राज्य इन दिनों कर रहा है।
भावांतर योजना एक और मुद्दा है। सोयाबीन पर किसानों को MSP देने के बजाय, सरकार भावांतर योजना ले आई है। इसी तरह, लैंड पूलिंग स्कीम को लेकर भी किसानों में गुस्सा है।
हालांकि, सरकार ने लैंड पूलिंग स्कीम को वापस लेने की घोषणा की, लेकिन ऑर्डर में सिर्फ स्कीम में बदलाव किया। SIR की वजह से BLO से लेकर आम आदमी तक, हर कोई परेशान महसूस कर रहा है।
OBC को अभी भी 27% रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है। यह मामला लंबे समय से कोर्ट में पेंडिंग है।ग्वालियर में BR अंबेडकर की मूर्ति को लेकर सवर्ण और SC समुदाय के बीच झगड़ा है। कांग्रेस विधायक अपने चुनाव क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाना चाहते हैं। विपक्ष के उप नेता हेमंत कटारे ने कहा कि पिछले चार महीनों में सरकार के खिलाफ कई मुद्दे उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा का छोटा सत्र इसलिए रखती है, ताकि विपक्ष ज्वलंत मुद्दे न उठा सके, साथ ही बजट सत्र भी कम समय के लिए रखा गया था। उन्होंने कहा कि इसका मकसद विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने से बचना था। कटारे के अनुसार, विपक्ष मिलकर फैसला करेगा कि वे सदन में क्या उठाएंगे।