
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद छिड़ गया है। पहले चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित आरोप-प्रत्यारोप अब राजनेताओं की छवि खराब करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल तक पहुंच गए हैं। ताजा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है, जहां एक राज्य मंत्री और एक भाजपा विधायक की तस्वीरें एक कुख्यात ड्रग तस्कर के साथ वायरल हुईं। इन तस्वीरों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। नतीजतन, क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सवाल यह है कि इस साजिश के पीछे कौन है और भाजपा नेताओं की छवि खराब करने की इस कोशिश के पीछे क्या मकसद था।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!वायरल तस्वीरों में पिछड़ा वर्ग विभाग की मंत्री कृष्णा गौर और हुजूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा दिखाई दे रहे हैं। इन तस्वीरों में दोनों नेता कुख्यात ड्रग तस्कर शाहरुख उर्फ आशु हसन के साथ दिखाई दे रहे हैं, जिसे हाल ही में एमडी ड्रग्स की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहली तस्वीर में मंत्री कृष्णा गौर एक कार्यक्रम में हैं, लेकिन अपराधी आशु हसन का चेहरा बदलकर उनके साथ मौजूद भाजपा नेता का चेहरा लगा दिया गया।
दूसरी तस्वीर विधायक रामेश्वर शर्मा की है, जिसमें खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र लिटोरिया उन्हें बधाई देने आए थे, लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करके लिटोरिया की तस्वीर की जगह एक ड्रग तस्कर की तस्वीर लगा दी गई।
असली तस्वीरें बदली
16 जुलाई को मंत्री कृष्णा गौर एक कार्यक्रम में थीं, जहां भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष शक्ति राव मौजूद थे। वहां ली गई तस्वीर में छेड़छाड़ करके आशु हसन का चेहरा लगा दिया गया।
इस बीच विधायक रामेश्वर शर्मा की तस्वीर उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले ली गई थी। जितेंद्र लिटोरिया उन्हें गुलदस्ता भेंट करने आए थे और उन्होंने खुद यह तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की थी। लेकिन बाद में उसी तस्वीर में एक ड्रग तस्कर का चेहरा जोड़कर उसे बदल दिया गया। दोनों नेताओं की छवि खराब करने की यह चालाकी भरी कोशिश थी।
तस्वीर वायरल होने के बाद मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि यह उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने की कोशिश है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जिसकी गहन जांच होनी चाहिए। इस बीच, विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, यह हमारे खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है। सांसद ने भी इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और प्रशासन से मामले की शीघ्र जाँच कर दोषियों को पकड़कर सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।
ड्रग तस्कर कनेक्शन और साजिश
गौरतलब है कि शाहरुख उर्फ आशु हसन को हाल ही में एमडी ड्रग तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस जाँच में कुख्यात यावर मछली के साथ उसके घनिष्ठ संबंध का पता चला। यही कारण है कि साजिशकर्ताओं ने भाजपा नेताओं की छवि खराब करने के लिए अपराधियों की तस्वीरों को मिलाकर फर्जी तस्वीरें बनाईं।
दरअसल, आशु हसन की गिरफ्तारी के बाद से ही उसके नेटवर्क और राजनीतिक व सामाजिक संबंधों को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। इसी बीच, एआई का इस्तेमाल करके राजनेताओं के साथ उसकी तस्वीरें वायरल कर दी गईं।
एफआईआर दर्ज, जांच शुरू
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद भाजपा जिला उपाध्यक्ष राम बंसल ने आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मास्टरमाइंड कौन है?
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। साफ है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग करके राजनेताओं को बदनाम करने की कोशिश की गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस साजिश के पीछे कौन है? वो कौन लोग हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके राजनेताओं को विवादों में घसीटना चाहते हैं? क्या यह सब सिर्फ़ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार है, या इसके पीछे कोई सुनियोजित राजनीतिक साज़िश है?