
भोपाल। विवादों में घिरी रहने वाली पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर को मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपों से बरी होने के बाद राजनीतिक पहचान मिलनी शुरू हो गई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!2024 के लोकसभा चुनाव में भोपाल से टिकट न मिलने के बाद से भाजपा नेताओं ने प्रज्ञा से दूरी बना ली है। उन्होंने भाजपा द्वारा आयोजित किसी भी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। न ही कोई भाजपा नेता उनके आवास पर गया। हालांकि, वह लोकसभा सदस्य नहीं थीं, फिर भी सरकार ने उनसे सरकारी बंगला खाली करने को नहीं कहा। प्रज्ञा के बरी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बुधवार को पूर्व सांसद के आवास पर उनसे मुलाकात की।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी महेंद्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी प्रज्ञा से उनके आवास पर मुलाकात की। भाजपा नेताओं की उनसे मुलाकात के राजनीतिक मायने तलाशने की कोशिश की जा रही है। एक साल से ज़्यादा समय तक उनसे दूर रहने के बाद भाजपा नेताओं का उनसे मिलना उन्हें फिर से राजनीति में सक्रिय करने की एक राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
इस साल के अंत तक बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके बाद पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होंगे। इन दोनों चुनावों के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होंगे। मालेगांव मामले में उनके बरी होने के बाद हिंदू आतंकवाद का सिद्धांत बेमानी हो गया है। अब भाजपा कांग्रेस पर हमला करने के लिए उनका इस्तेमाल चुनावी प्रचार में कर सकती है।