
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक सत्तारूढ़ भाजपा नेता के व्यापारी बेटे को कुछ जालसाज़ों ने ठग लिया। इन लोगों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जासूस बनकर कथित तौर पर 8 साल की अवधि में उससे 45 लाख रुपए से ज़्यादा की उगाही की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में चल रहे कथित रैकेट का भंडाफोड़ दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले की पुलिस ने हाल ही में एक आरोपी को गिरफ़्तार करके किया है। हालांकि, पीड़ित 50 वर्षीय आशीष ताम्रकार कथित तौर पर अनूपपुर ज़िले के कोटमा इलाके के एक भाजपा नेता अवधेश ताम्रकार का बेटा है, वह अभी तक लंबे समय से चले आ रहे मानसिक आघात से उबर नहीं पाया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पूरी तरह से काउंसलिंग के बावजूद उसे अब भी लगता है कि उत्पीड़क उसे मानसिक रूप से परेशान करेंगे और पैसे की मांग करेंगे और अगर मांग पूरी नहीं हुई, तो वे उसे हवाला कारोबार के किसी मामले में जेल में डाल देंगे।
दरअसल, 2017 में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसाय से जुड़े आशीष ताम्रकार ने कुछ लोगों से संपर्क किया, जिन्होंने खुद को एक निवेश/स्टॉक ब्रोकिंग फर्म (भोपाल और इंदौर से संचालित) के लिए काम करने का दावा किया। उन्होंने उसे जल्दी और ज़्यादा रिटर्न का लालच दिया और लगभग 17 लाख रुपए का निवेश करवाया। उसके द्वारा निवेश किया गया पैसा संभवतः वायदा कारोबार से कमाया गया था।
कुछ महीने बाद जब उसने अपने निवेश पर मिले रिटर्न के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि वे सीबीआई और ईडी के जासूस हैं, जिन्होंने पाया है कि उसके द्वारा निवेश किया गया पैसा असल में हवाला कारोबार से आया था।
इसके बाद उन्होंने उसे परेशान करना और उससे पैसे ऐंठना शुरू कर दिया, जिसे उसने कई खातों में जमा कर दिया। उन्होंने उससे 45 लाख रुपए से ज़्यादा की रकम ऐंठ ली, जिसमें 2017 में उसके द्वारा निवेश की गई शुरुआती रकम भी शामिल थी।
अनूपपुर एसपी ने कहा, उन्होंने उसे यकीन दिलाया कि वे असल में केंद्रीय जांच एजेंसियों से हैं, जिसकी वजह से उसने आठ साल तक पुलिस को इसकी सूचना देने की हिम्मत नहीं जुटाई, जबकि उसके परिवार ने उसे पैसे न देने और पूरे मामले की सूचना पुलिस को देने के लिए कहा था। आखिरकार, आशीष के भाई ने ही लगभग डेढ़ महीने पहले एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पुलिस को यह मामला बताया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और हाल ही में इस रैकेट का भंडाफोड़ किया।
अनूपपुर के एसपी ने कहा, जांच से पता चला है कि धोखाधड़ी करने वालों का पूरा रैकेट मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से संचालित हो रहा था। इस रैकेट के सरगना की 2022 में वित्तीय लेन-देन से जुड़े किसी विवाद में हत्या कर दी गई थी। अब रैकेट के एक और प्रमुख सदस्य की पहचान आशीष को परेशान करने और उससे जबरन वसूली करने के आरोप में हुई है। हमने उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है और वह चार दिनों की पुलिस रिमांड पर है। हमारी टीमें विदिशा के रहने वाले दो और आरोपियों की तलाश कर रही हैं, लेकिन फिलहाल फरार हैं।
जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार व्यक्ति ने पुलिस को बताया है कि अगर उसे पुलिस हिरासत में रहते हुए भी आशीष को फोन करके पैसे मांगने की अनुमति दी जाए, तो वह (आशीष) सलाखों के पीछे जाने के डर से तुरंत निर्धारित बैंक खाते में मांगी गई राशि जमा कर देगा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, वह (आशीष) यह मानने को तैयार नहीं है कि वे नकली सीबीआई और ईडी के जासूस थे। वह अभी भी उनसे डरता है और उसे आशंका है कि आने वाले दिनों में वे और पैसे मांगेंगे।
पुलिस न केवल फरार दो आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है, बल्कि गिरफ्तार आरोपियों से यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अतीत में उन्होंने और कितने लोगों को ठगा और उनसे जबरन वसूली की है।