
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को भोपाल में डायल-112 सेवा के शुभारंभ समारोह में इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि 2015 में उन्हें लगा था कि थाना प्रभारी डायल-100 वाहनों का दुरुपयोग करेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने बाबूजी (बाबूलाल गौर) से पूछा, ‘मुझे समझ नहीं आ रहा कि डायल-100 कैसे काम करता है।’ बाबूजी ने मुझे कार्यक्रम देखने को कहा, और बाद में मेरी राय पूरी तरह बदल गई। डायल-100 तकनीक पर आधारित है और कोई भी इसका दुरुपयोग नहीं कर सकता।”
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!गौरतलब है कि नई डायल-112 सेवा दशकों पुरानी डायल-100 की जगह ले रही है। जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने डायल-100 के साथ अपने पुराने अनुभव और तत्कालीन गृह मंत्री बाबूलाल गौर के साथ हुई बातचीत को भी साझा किया। उन्होंने आगे कहा, “यह अलादीन के चिराग जैसा है।”
उन्होंने आगे बताया, “डायल-100 का सफर उल्लेखनीय रहा है। 2.23 लाख वरिष्ठ नागरिकों को सहायता प्रदान करना, 19.71 लाख महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना, 1,300 परित्यक्त नवजात शिशुओं की जान बचाना और 23,000 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलाना।” मुख्यमंत्री ने मानवता की खातिर अपनी जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकर्मियों की भी प्रशंसा की।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर विभाजन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सभी को उस दर्दनाक दिन को याद रखना चाहिए, जिसने भारत को दो राष्ट्रों में विभाजित कर दिया।
इस अवसर पर डीजीपी कैलाश मकवाना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें 15 अगस्त, 2025 से पहले नई डायल-112 सेवा शुरू करने का निर्देश दिया था, क्योंकि वह पुरानी डायल-100 को कोई विस्तार नहीं देना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक ईमानदार टीम के प्रयासों ने डायल-112 के सपने को हकीकत में बदल दिया है।