
भोपाल। मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने को लेकर दिग्विजय सिंह के एक इंटरव्यू के बाद खूब वार-पलटवार हुए थे। दिग्विजय ने सिंधिया और कमलनाथ के बीच मतभेदों को ज़िम्मेदार ठहराया था। वहीं, कमलनाथ ने ट्वीट किया था कि सिंधिया को लगता है कि सरकार दिग्विजय चला रहे थे।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इन वार-पलटवारों के बीच गुरुवार को अचानक दिल्ली में दोनों कांग्रेसी दिग्गज मिले। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ के साथ अपनी मुलाकात की एक तस्वीर फेसबुक पर शेयर की है।
छोटे-मोटे मतभेद थे, लेकिन कभी कोई मतभेद नहीं
दिग्विजय सिंह ने लिखा, “कमलनाथ जी और मेरे लगभग 50 वर्षों से पारिवारिक संबंध हैं। हमारे राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं और ये स्वाभाविक भी हैं। हमारा पूरा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में रहते हुए एकजुट होकर विचारधारा की लड़ाई लड़ते हुए बीता है और आगे भी लड़ते रहेंगे। छोटे-मोटे मतभेद रहे हैं, लेकिन कभी कोई मतभेद नहीं हुआ।”
हम कल मिले थे। कांग्रेस पार्टी नेतृत्व ने हम दोनों को खूब मौके दिए और जनता का प्यार हमें हमेशा मिला है। आगे भी हम कांग्रेस के नेतृत्व में जनता की सेवा करते रहेंगे। जय सिया राम।
अब जानिए कि दिग्विजय-कमलनाथ के बीच हालिया जुबानी जंग कैसे शुरू हुई। अगस्त महीने में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कमलनाथ और सिंधिया के बीच काम करने के तरीके को लेकर जो तय हुआ था, उसका पालन नहीं किया गया, जिसकी वजह से सरकार गिर गई।
दिग्विजय बोले- मैंने कमलनाथ को आगाह किया था। दिग्विजय से पूछा गया- कहा जाता है कि आपकी कोई रंजिश थी, आपने खुद कमलनाथ को सलाह दी थी कि सरकार को कुछ नहीं होगा, आपको चिंता नहीं है?
इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा, आपके पास गलत खबर है। यह प्रचारित किया गया। मैंने आगाह किया था कि यह घटना हो सकती है और मैं नाम नहीं लेना चाहता। वह एक व्यक्ति हैं, एक अच्छे उद्योगपति हैं, एक अच्छे परिवार से हैं, उनके दोनों से अच्छे संबंध हैं। मैं उनके पास गया और कहा कि इन दोनों की लड़ाई में हमारी सरकार गिर जाएगी। आप बस अपना ध्यान रखना, क्योंकि आपके दोनों से रिश्ते हैं। उन्होंने कहा, ठीक है।
दिग्विजय सिंह ने आगे बताया, उसके बाद उनके घर पर भोजन का आयोजन हुआ। मैं वहां मौजूद था। मैंने मामले को सुलझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वहां जो काम करने के मुद्दे थे, जो भी तय हुआ था, उसका पालन नहीं किया गया। यह सच है और मेरे लगातार प्रयासों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका।
जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि किस बात का पालन नहीं हुआ? इस पर उन्होंने कहा, छोटी-छोटी बातें जैसे ये होनी चाहिए, ये होनी चाहिए। तो हुआ ये कि ग्वालियर चंबल संभाग में हम दोनों जो कहेंगे, वो करेंगे। अगले दिन हम दोनों ने मिलकर अपनी इच्छा सूची बनाई और दे दी। मैंने भी हस्ताक्षर किए, उन्होंने भी हस्ताक्षर किए। उस इच्छा सूची का पालन नहीं किया गया।
दिग्विजय से पूछा गया कि क्या कहीं कमलनाथ और सिंधिया जी के बीच टकराव सरकार गिरने का कारण बना। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा- हां।
कमलनाथ ने दिग्गी को दिया था जवाब कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान का जवाब देते हुए X पर लिखा, सिंधिया को लग रहा था कि दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरा दी।
दिग्विजय सिंह के बयान पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “2020 में मध्य प्रदेश में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयान दिए गए हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें खोदने से कोई फायदा नहीं है।”
लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगा कि दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरा दी।