
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों और यस बैंक से जुड़े ₹3,000 करोड़ से ज़्यादा के ऋण धोखाधड़ी मामले में कई जगहों पर छापेमारी की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!ईडी के सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 17 के तहत ईडी द्वारा आज शुरू किए गए तलाशी अभियान में 35 से ज़्यादा परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया है। केंद्रीय एजेंसी रिश्वत और ऋण के एक संदिग्ध गठजोड़ की जांच कर रही है।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि 2017 और 2019 के बीच यस बैंक से लगभग ₹3,000 करोड़ का कथित अवैध ऋण डायवर्जन किया गया। ईडी ने पाया है कि ऋण दिए जाने से ठीक पहले यस बैंक के प्रवर्तकों ने कथित तौर पर अपने निजी खातों में धनराशि प्राप्त की थी।
यह छापेमारी एसबीआई द्वारा रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के ऋण खाते को धोखाधड़ी घोषित करने और पूर्व प्रवर्तक अनिल अंबानी की रिपोर्ट आरबीआई को देने के कदम के बाद की गई है। आरकॉम जून 2019 से दिवालियापन की प्रक्रिया में है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने रागा कंपनियों (रिलायंस अनिल अंबानी समूह की कंपनियां) द्वारा कथित धनशोधन के अपराध की जांच शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि अन्य एजेंसियों और संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय आवास बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की।
ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के धन को इधर-उधर करने या गबन करने की एक सुनियोजित और सोची-समझी योजना का खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।
एजेंसी के अनुसार रिलायंस अनिल अंबानी समूह (RAAGA) की कंपनियों को ऋण स्वीकृति प्रक्रिया में घोर उल्लंघन हुए हैं। क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम (CAM) की पिछली तारीख, उचित परिश्रम या क्रेडिट विश्लेषण के बिना किए गए निवेश प्रस्ताव और यस बैंक की अपनी क्रेडिट नीति के कई उल्लंघन शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि ये निष्कर्ष प्रणालीगत खामियों और उधारकर्ता को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर की गई हेराफेरी की ओर इशारा करते हैं। फिलहाल पीएमएलए के तहत जांच जारी है।