
भोपाल। दानिश कुंज कॉलोनी में शुक्रवार को एक संपत्ति विवाद ने उस समय नाटकीय मोड़ ले लिया, जब कथित तौर पर बुलडोजर मशीन के साथ 40 से ज़्यादा लोग शिक्षा विभाग में उप सचिव आईएएस अधिकारी मंजूषा राय के आवास पर पहुंचे और उनके घर के कुछ हिस्सों को गिराना शुरू कर दिया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अधिकारी ने दावा किया कि चारदीवारी और सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए थे और पुलिस को सूचित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। राय ने मीडियाकर्मियों को बताया कि मामला मकान संख्या 595 से जुड़ा है, जिसे उनके पति विक्रांत प्रवीण राय ने दिसंबर 2010 में 41 लाख रुपये के समझौते के तहत खरीदा था।
पूरी राशि चुकाने और कई बार अनुरोध करने के बावजूद संपत्ति उनके नाम पर पंजीकृत नहीं की गई। राय ने कहा कि वे 2011 से इस घर में रह रहे हैं और विक्रेता की मौखिक सहमति से दो अतिरिक्त कमरे भी बनवाए हैं। हालांकि, मार्च 2025 में, अतिरिक्त तहसीलदार कोलार द्वारा कथित तौर पर यह संपत्ति रिदित अरोड़ा (पूर्व में सईद फ़रीद अहमद) को हस्तांतरित कर दी गई, जिन्होंने इसे 10 जून को मोना बटेजा को बेच दिया।
राय ने दावा किया कि उन्हें रजिस्ट्री के बारे में पता नहीं था और उन्हें इस लेन-देन का पता शुक्रवार को धमकियाँ मिलने और तोड़फोड़ देखने के बाद ही चला। उन्होंने आगे कहा कि यह मामला वर्तमान में एसडीएम और राजस्व न्यायालयों में मुकदमेबाजी के अधीन है, जिसमें हस्तांतरण पर आपत्तियाँ दर्ज की गई हैं। इसके बावजूद विरोधी पक्ष ने बल प्रयोग किया।
राय ने अधिकारियों से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा, पुलिस से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। अगर यह संपत्ति का मामला है, तो सिविल कोर्ट को फैसला करने दें। यह गुंडागर्दी क्यों? प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ समय के लिए घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया। राय ने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई है और न्याय और सुरक्षा की गुहार लगाई है।