भोपाल। मध्यप्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी IAS अधिकारी का प्रदेश से मोहभंग होता दिख रहा है। प्रदेश सरकार के लिए काम करने से ज्यादा ये IAS अधिकारी केंद्र सरकार की सेवा करने में रुचि दिखा रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!दरअसल, पिछले साल 17 IAS अधिकारी डेप्युटेशन पर केंद्र सरकार में गए हैं। दूसरी ओर, केवल तीन अधिकारी ही मध्य प्रदेश में लौटे। इनमें से एक सचिव स्तर का अधिकारी है।
पर्सनल एंड ट्रेनिंग डिपार्टमेंट ने 2009 बैच के IAS अधिकारी अविनाश लवानिया के केंद्र में डेप्युटेशन का आदेश जारी किया है। आईएएस प्रीति मैथिल, प्रियंका दास, सोफिया वली फारुकी, तरुण पिथोड़े, अजीत कुमार, चंद्रमोहन ठाकुर, पंकज जैन, नीरज सिंह, तन्वी सूर्यदयाल, प्रवीण सिंह अडयाच, निकुंज श्रीवास्तव, ज्ञानेश्वर पाटिल, पवन शर्मा, बक्की कार्तिकेयन, हर्ष दीक्षित और अनुराधा पी पहले ही डेप्युटेशन पर सेंटर जा चुके हैं।
विशेष गढ़पाले, आशीष भार्गव और रूही खान राज्य में वापस आ गए हैं। सिर्फ गढ़पाले ही सचिव रैंक के ऑफिसर हैं। ऑफिसर्स के सेंटर जाने के दो कारण हैं। पहला, सरकार में एम्पैनलमेंट के लिए ऑफिसर्स को 2009 बैच के बाद दो साल तक डायरेक्टर के तौर पर काम करना होता है। इसके बाद उन्हें जॉइंट सेक्रेटरी के पद के लिए एम्पैनल किया जाता है। दूसरा, राज्य सरकार में अच्छी पोस्टिंग न होने के कारण कुछ ऑफिसर्स डेप्युटेशन का ऑप्शन चुन रहे हैं।
ये अधिकारी भी इंतजार में
सेक्रेटरी रैंक के ऑफिसर स्वतंत्र कुमार सिंह और अभिषेक सिंह भी डेप्युटेशन पर सेंटर जाने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों ने इसके लिए एप्लीकेशन दी है। दो और सेक्रेटरी रैंक के ऑफिसर, श्रीमान शुक्ला और जॉन किंग्सले भी सेंटर जाने के इच्छुक थे। उन्होंने डेप्युटेशन के लिए अप्लाई किया था, लेकिन सेंट्रल गवर्नमेंट में पोस्टिंग न मिलने की वजह से वे फिलहाल मध्य प्रदेश में ही रुक गए हैं।