
जबलपुर। मध्य प्रदेश में जबलपुर आर्थिक अपराध शाखा के छापे मामले में हाल ही में वन विभाग ने जगदीश सरवटे की माँ सावित्री सरवटे को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से एक बाघ की खाल बरामद हुई, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अवैध है। पूछताछ के दौरान, बुजुर्ग महिला ने दावा किया कि बाघ की खाल उन्हें लगभग 30 साल पहले उनके ससुर ने दी थी। कथित तौर पर वह पूजा करते समय उस खाल पर बैठती थीं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यह गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा उपायुक्त जगदीश सरवटे के आवास पर उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति से संबंधित चल रही जाँच के तहत छापेमारी के ठीक 2 दिन बाद हुई है। जगदीश सरवटे वर्तमान में आदिम जाति कल्याण विभाग में उपायुक्त के पद पर तैनात हैं।
ईओडब्ल्यू ने अब तक ₹5.89 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया है। बैंक लॉकरों में लाखों रुपये मूल्य के सोने और आभूषण भी मिले। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच अभी जारी है।
बुधवार को जांच के दौरान ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को सरवटे के अधारताल स्थित आवास से बाघ की खाल मिली। सरवटे के घर में बाघ की खाल को चटाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत खाल को जब्त कर लिया और जगदीश सरवटे के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 और 50 के तहत मामला दर्ज किया गया, जिसके तहत 12 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त जगदीश प्रसाद सरवटे के जबलपुर, भोपाल और सागर स्थित घरों पर छापेमारी की और ₹5.89 करोड़ की संपत्ति का पता लगाया। वे उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे थे।