
भोपाल। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के खुले क्षेत्र में घूम रहे शावकों सहित 16 चीते अनुकूलन कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भारी बारिश को सहन किया और अधिकारियों को आश्चर्यचकित कर दिया, खासकर जब ज्वाला और उसके चार शावकों ने उफनती नदी को तैरकर पार किया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कुनो राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र निदेशक उत्तम कुमार शर्मा के अनुसार, आम धारणा है कि चीते गहरे जल निकायों में जाने से बचते हैं, लेकिन ज्वाला और उसके चार शावकों ने उफनती नदी को तैरकर पार किया। इससे पता चलता है कि चीते धीरे-धीरे बदलती परिस्थितियों के अनुकूल हो रहे हैं।
शर्मा ने बताया कि इस मानसून के मौसम में श्योपुर में भारी बारिश हुई। बारिश इतनी तेज़ थी कि हम सोच भी नहीं सकते थे कि ज्वाला और उसके शावक तैरकर नदी पार कर पाएँगे, लेकिन उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने आगे कहा, खुले क्षेत्र में घूमते समय चीते को कोई बड़ी समस्या नहीं हुई।
इस बीच कूनो के अधिकारियों ने चीतों को बीमारियों से बचाना सीख लिया है। नियमित दवाइयों से उन्हें त्वचा रोगों से बचाने में मदद मिली है। पहले साल, कुछ चीतों को नमी और आर्द्र परिस्थितियों के कारण त्वचा रोग हो गए थे। उन्हें टिक्स लग गए थे और रगड़ने पर घाव हो जाते थे। अब, नियमित दवाइयों के कारण ऐसी कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है।
चीतों ने जिस तरह से गर्मी और भारी बारिश को सहन किया है, उससे उम्मीदें जगी हैं। वे जंगलों में शिकार कर रहे हैं। सर्दियों के मौसम में, दो चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां प्रभास और पावक नाम के दो चीते हैं, जिन्हें अप्रैल में कूनो राष्ट्रीय उद्यान से स्थानांतरित किया गया था।