
भोपाल। मध्य प्रदेश में ‘लव जिहाद’ के मामलों की जानकारी मांगने वाले एक पार्टी विधायक के प्रश्न का उत्तर देते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत 283 मामले दर्ज किए गए हैं और उनमें से 197 अदालत में विचाराधीन हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!खातेगांव (देवास) से भाजपा विधायक आशीष गोविंद शर्मा ने 1 जनवरी, 2020 से 15 जुलाई, 2025 के बीच नाबालिग लड़कियों से जुड़े ‘लव जिहाद’ के मामलों की संख्या जानना चाहा था।
राज्य के कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून, जिसे अक्सर लव जिहाद विरोधी कानून कहा जाता है, के पहले पांच वर्षों में ज़्यादा बरी होने और कम दोषसिद्धि दर्ज की गई है।
86 या 30% मामलों में अभियुक्तों को या तो बरी कर दिया गया है या दोषी ठहराया गया है, या पुलिस जाँच अभी भी जारी है। इनमें से 50 मामलों में अभियुक्तों को बरी कर दिया गया, जबकि केवल आठ मामलों में अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया और सज़ा सुनाई गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभियोजन पक्ष द्वारा साक्ष्यों के अभाव और कई महिला पीड़ितों के मुकदमे के दौरान मुकर जाने के कारण ज़्यादा अभियुक्तों को बरी किया गया है।
74 मामलों के साथ इंदौर शीर्ष पर
283 मामलों में से सबसे ज़्यादा मामले मालवा निमाड़ क्षेत्र में दर्ज हैं। इंदौर में 74 मामले, भोपाल में 33, उज्जैन में 12, खंडवा में 12, धार में 13 और छतरपुर में 11 मामले दर्ज हैं, ये वे प्रमुख ज़िले हैं जहां दर्ज मामलों की संख्या दस से ज़्यादा है।