
भोपाल। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने मंगलवार को सरकार पर आदिवासी समुदायों द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत दायर 3.22 लाख दावों को खारिज करने का आरोप लगाया। उन्होंने विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान यह मामला उठाया। सिंघार ने आरोप लगाया कि राज्य में लगभग 95 लाख हेक्टेयर वन भूमि होने के बावजूद 35 लाख हेक्टेयर भूमि को निजी हाथों में सौंपने के प्रयास चल रहे हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उन्होंने कहा कि कई आदिवासी जिलों में दावे खारिज कर दिए गए हैं और बुरहानपुर जिले के नेपानगर निर्वाचन क्षेत्र के 40 गांवों के 3,000 से अधिक दावों को खारिज कर दिया गया।
भाजपा शासनकाल में 26,500 से अधिक भूमि के पट्टे जारी
जवाब में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी पट्टा जारी नहीं किया गया, जबकि भाजपा सरकार ने 26,500 से अधिक पट्टे दिए हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी विकास के संबंध में विपक्ष के किसी भी रचनात्मक सुझाव का स्वागत किया जाएगा।
यादव ने यह भी कहा कि उन्होंने वन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मानसून के दौरान किसी भी आदिवासी के घर को न तोड़ा जाए। इससे पहले वन विभाग के राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि अस्वीकृत दावों को मौजूदा मानदंडों के अनुसार रद्द कर दिया गया है।