नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार दोपहर दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में कृषि क्षेत्र के लिए 35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने 11,440 करोड़ की प्रधानमंत्री दलहन उत्पादन मिशन योजना और 24,000 करोड़ की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का उद्घाटन किया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!उन्होंने कहा, “कृषि और किसानी हमेशा से हमारी विकास यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। समय के साथ, यह आवश्यक है कि कृषि को सरकारी समर्थन मिलता रहे। दुर्भाग्य से, पिछली सरकारों ने कृषि को छोड़ दिया।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के तेज़ विकास के लिए हमारी कृषि व्यवस्था में सुधार ज़रूरी है। यह काम 2014 में शुरू हुआ था। हमने पिछली सरकारों के लापरवाह रवैये को बदला। बीज से लेकर बाज़ार तक, हमने किसानों के हित में अनगिनत सुधार किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछली सरकारों ने देश के 100 से ज़्यादा जिलों को पिछड़ा घोषित किया, फिर उन्हें भूल गए। हमने इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया और इन्हें आकांक्षी जिले घोषित किया।” हमने समन्वय, सहयोग और प्रतिस्पर्धा के अपने मंत्र से इन जिलों का कायाकल्प किया। आज़ादी के बाद भी यहाँ की 20% बस्तियों में सड़कें नहीं थीं। आज, इनमें से ज़्यादातर बस्तियाँ सड़कों से जुड़ी हैं।
पहले यहाँ के 17% बच्चों को टीकाकरण का लाभ नहीं मिल रहा था, लेकिन अब मिल रहा है। 15% से ज़्यादा स्कूलों में बिजली नहीं थी, लेकिन अब इस योजना के तहत हर स्कूल में बिजली कनेक्शन पहुँचा दिया गया है।
दूध उत्पादन में भारत नंबर 1
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत दूध उत्पादन में दुनिया में नंबर 1 है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है। शहद का उत्पादन भी 2014 की तुलना में दोगुना हो गया है। पिछले 11 सालों में अंडा उत्पादन भी दोगुना हो गया है।” उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में भारत का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है। खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 9 करोड़ मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। फल और सब्जियों के उत्पादन में 6.4 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक की वृद्धि हुई है।
पिछले 11 वर्षों में देश में छह प्रमुख उर्वरक संयंत्र स्थापित किए गए। किसानों को 2.5 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए। सूक्ष्म सिंचाई सुविधाएँ 100 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लगभग 2 लाख करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए।
10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) बने
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाए गए हैं। इन वर्षों में देश के किसानों ने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। आज देश का स्वरूप ऐसा हो गया है कि केवल कुछ उपलब्धियों से संतुष्ट होना पर्याप्त नहीं है। यदि हमें विकसित होना है, तो हमें हर क्षेत्र में निरंतर सुधार करना होगा। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी सोच का परिणाम है।