
भोपाल। प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में विभिन्न टेस्ट आउटसोर्स करने पर रोक लगाने की मांग की है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने मांग की है कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में प्राइवेट पैथोलॉजी द्वारा टेस्ट कराने पर रोक लगाई जाए।
पत्र के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी एक पूरा विभाग होता है और वहां डॉक्टर मौजूद होते हैं। मेडिकल कॉलेजों में पीजी के छात्र भी टेस्ट करते हैं, देखते हैं और सीखते हैं। ऐसे में प्राइवेट पैथोलॉजी को टेस्ट करने की अनुमति देने का कोई कारण नहीं है।
सरकार को पिछले पांच सालों में इन आउटसोर्स प्राइवेट पैथोलॉजी के रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि इससे यह पता चलेगा कि प्राइवेट पैथोलॉजी पर खर्च होने वाला बजट सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रीएजेंट आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने में बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
साथ ही, यह भी कहा गया कि मेडिकल कॉलेजों में आउटसोर्स प्राइवेट पैथोलॉजी से हमेशा भ्रष्टाचार और गलत कामों की गुंजाइश रहती है।