
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को राजधानी भोपाल स्थित अपने राज्य मुख्यालय में राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक की। इस बैठक में विधानसभा चुनाव हारने वाले सभी कांग्रेस विधायकों और उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। यह विशेष बैठक देश में कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर बुलाई गई थी।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जानकारी के अनुसार, उनसे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पिछले दो चुनावों के फर्जी मतदाताओं का डेटा जमा करने को कहा गया था। बैठक का नेतृत्व राज्य प्रभारी हरीश चौधरी ने किया और मुख्य रूप से कथित वोट चोरी के मुद्दे पर केंद्रित रही। चौधरी ने दावा किया कि भाजपा और चुनाव आयोग ‘अलग नहीं, बल्कि एक ही हैं।’
इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमंग सिंघार, अरुण यादव, सज्जन सिंह वर्मा और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
यह बैठक लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा भाजपा पर चुनावों के दौरान ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाने के बाद हुई। उनके बयान के बाद कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और भाजपा दोनों पर लगातार निशाना साध रही है।
कांग्रेस करेगी राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस इस मुद्दे को बड़े मंच पर ले जाने की योजना बना रही है। पार्टी नेताओं ने 2018 और 2023 के विधानसभा चुनावों के विधायकों और पूर्व उम्मीदवारों को निर्देश दिया है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों से फर्जी मतदाताओं की विस्तृत जानकारी, मतदाता सूची और सबूत इकट्ठा करें।
विधायकों ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस को उम्मीद है कि राज्य के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में कथित मतदाता धोखाधड़ी का पूरा डेटा उपलब्ध होगा।