
भोपाल। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 75 के बाद सेवानिवृत्ति वाले बयान ने राज्य में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने कहा है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जो कहा, वह उससे सहमत हैं।
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शर्मा के अनुसार, कुछ समय बाद युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए। वह अगले साल 75 साल के हो जाएंगे। शर्मा ने कहा कि अगर उसे विधायक के रूप में पद छोड़ने के लिए कहा जाता है, तो वह खुशी से ऐसा करेगा। शर्मा ने कहा, समय बदल रहा है, और कुछ समय बाद दूसरों को मौका दिया जाना चाहिए।
दूसरी ओर पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा राजनीति में बने रहने की कसौटी होने की उम्र के पक्ष में नहीं हैं। 70 वर्षीय शर्मा ने कहा कि वह काम करना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें सेवानिवृत्त होने के लिए कहा। मानदंड को किसी भी व्यक्ति की पसंद के अनुसार तय नहीं किया जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि किसी को जोड़ना उचित साधनों या बेईमानी से सत्ता प्राप्त करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उधर, कांग्रेस भागवत के बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जोड़कर देख रही है। विपक्ष के नेता उमंग सिंगार ने कहा, वह जानना चाहते थे कि मोदी भागवत के बयान को स्वीकार करेंगे या नहीं।
मानदंड कई बार बदल गया
गौरतलब है कि भाजपा ने 75 पार के बाद सेवानिवृत्ति के मानदंड को बदल दिया है। सरताज सिंह और बाबुलाल गौर का इस्तीफा इस आधार पर मांगा गया था कि दोनों 75 साल पार कर गए, लेकिन भाजपा उन लोगों को टिकट देती है, जिन्होंने चुनाव जीतने के लिए 75 को पार किया है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी अपने ही नियम को दरकिनार करते हुए चार नेताओं को टिकट दिया, जिन्होंने 75 की उम्र को पार कर लिय।