
भोपाल। मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया है। उन्होंने विभाग में लंबे समय से काम कर रहे लोगों को भी हटा दिया और दागियों को थानों से हटा दिया। अब जब व्यवस्था पटरी पर आ गई है, तो पात्र उम्मीदवारों को बिना पैसे दिए या किसी से संपर्क किए पुलिस विभाग में अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिल रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नतीजतन पिछले 6 महीनों में 205 लोगों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्त किया गया है। जिन पदों पर नियुक्तियां दी गईं, उनमें एएसआई, कांस्टेबल और बाल कांस्टेबल या बाल रक्षक शामिल हैं। अनुकंपा के आधार पर नौकरी चाहने वाले व्यक्ति को इधर-उधर भटकना पड़ता है।
मकवाना ने निर्देश जारी किए हैं कि यदि मृतक पुलिसकर्मी पात्र हैं, तो उनके परिजनों से अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा जाए। आदेश में कहा गया है कि आवेदन में कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए। इसके बाद सभी औपचारिकताएं पूरी कर व्यक्ति को बिना देरी के नौकरी दी जाए। डीजीपी ने अधिकारियों से साफ कहा कि एक तरफ पुलिस विभाग में स्टाफ की कमी है। दूसरी तरफ मृतक पुलिसकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
वास्तविक लोगों को इधर—उधर भटकना न पड़े
डीजीपी ने प्रशासनिक विंग को यह भी निर्देश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि वास्तविक लोगों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। डीजीपी के निर्देश के बाद अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लंबित मामलों का निपटारा किया जा रहा है। तबादले के वास्तविक मामलों के लिए भी यही नीति लागू की गई है। गंभीर बीमारी के कारण तबादले की जरूरत वाले लोगों के मामलों के त्वरित निपटारे की व्यवस्था की गई है। यही वजह है कि डीजीपी सीधे संबंधित लोगों तक आदेश पहुंचा रहे हैं। उनका मकसद भ्रष्टाचार को रोकना है।