
भोपाल। मध्य प्रदेश के साढ़े तीन लाख पेंशनभोगियों की पेंशन ई-केवाईसी के अभाव में रुकी हुई है। इस मामले में नगरीय विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 30 सितंबर तक भौतिक सत्यापन के आधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। इस बीच नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगरीय निकायों को अपने क्षेत्र में ई-केवाईसी की प्रक्रिया युद्धस्तर पर पूरी कर प्रतिदिन पोर्टल पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि ई-केवाईसी के अभाव में जिन पात्र लोगों की पेंशन रुकी है, उन्हें पेंशन मिलने का रास्ता साफ हो सके।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नगरीय विकास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि नागरिकों, विशेषकर शहरी क्षेत्रों के पेंशनभोगियों को समग्र आईडी की ई-केवाईसी प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसे ध्यान में रखते हुए अपर आयुक्त कैलाश वानखेड़े ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। बताया गया है कि राज्य सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए समग्र आईडी का ई-केवाईसी अनिवार्य है।
31 अगस्त तक की समय-सीमा सामाजिक न्याय विभाग ने इस कार्य के लिए 31 अगस्त 2025 तक की समय-सीमा निर्धारित की है। इसके बावजूद राज्य में 3 लाख 50 हजार से अधिक पेंशनभोगियों का ई-केवाईसी अभी भी लंबित है।
नगरीय निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में ई-केवाईसी कार्य युद्धस्तर पर संचालित करें ताकि पेंशनभोगियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। ई-केवाईसी कार्य की दैनिक प्रगति रिपोर्ट विभागीय पोर्टल पर अपलोड की जाए तथा जिन लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूर्ण नहीं है, उनकी जानकारी स्थानीय स्तर पर सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित की जाए।
प्रमुख सचिव ने 30 नवंबर तक का समय दिया
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग ने सभी कलेक्टरों, जिला पंचायत सीईओ और संयुक्त संचालक व उप संचालक सामाजिक न्याय विभाग को शेष बचे पेंशन लाभार्थियों का 30 नवंबर से पहले ई-केवाईसी करवाने को कहा है। जिन लाभार्थियों का ई-केवाईसी नहीं हो पाया है, उनकी पेंशन रोक दी गई है। जिन पेंशन धारकों की पेंशन रुकी हुई है, उनके घर जाकर भौतिक सत्यापन किया जाए और इस दौरान मृतक, अपात्र, विस्थापित पेंशन धारकों के नाम हटाकर उनकी पेंशन रोक दी जाए।
विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली पोक्षे वायंगणकर द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि जो पेंशन लाभार्थी चलने में असमर्थ हैं या वृद्धावस्था या नि:शक्तता के कारण उनका समग्र पोर्टल पर ई-केवाईसी नहीं हो पा रहा है, ऐसे मामलों के समाधान के लिए 27 जनवरी 2025 को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के आधार पर कार्रवाई की जाए।
एसओपी पर इस प्रकार होगी कार्रवाई
ग्राम पंचायत सचिव या वार्ड प्रभारी एक पंचनामा तैयार करें जिसमें यह उल्लेख हो कि समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। ऐसे लाभार्थियों का बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट, आईरिस प्रमाणीकरण) नहीं किया जा रहा है। ये लाभार्थी वर्तमान में दिए गए पते पर निवास कर रहे हैं और योजना का लाभ पाने के पात्र हैं।
स्थानीय निकाय के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद इसकी पुष्टि की जानी चाहिए।
जिला, ब्लॉक, ई-गवर्नेंस टीम से पुष्टि के बाद, ऐसे पेंशन लाभार्थियों को स्थानीय निकाय के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा पोर्टल पर चिह्नित और प्रमाणित किया जाना चाहिए।
ऐसे लाभार्थी जिन्होंने समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी करवा लिया है और वर्तमान में किसी योजना के लिए पात्र हैं, उन्हें पात्र के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए और पेंशन प्रस्ताव में जोड़ा जाना चाहिए।
यदि किसी हितग्राही को अपात्र घोषित कर दिया गया है या माइग्रेशन या अन्य किसी कारण से पेंशन रोक दी गई है, तो यदि हितग्राही समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी करवा लेता है, तो पात्रता के आधार पर पुनः नवीन आवेदन दाखिल कर पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही की जाए तथा एरियर देने की प्रक्रिया की जाए।
यदि पेंशन हितग्राही का समग्र पोर्टल पर आधार ई-केवाईसी नहीं है, तो निकाय का सक्षम अधिकारी पेंशन न रोककर पेंशन जारी रखने की अनुशंसा करेगा।