भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को राजधानी के जंबूरी मैदान में राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “अगर कोई सचिव काम नहीं करेगा तो उसको हटा देंगे। सचिव, सहायक उसकी क्या औकात।”
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सरपंचों को सरकार के किसी भी फैसले से अपने काम में कोई समस्या आती है, तो सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने की दिशा में काम करेगी।
उन्होंने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था से संबंधित एक सम्मेलन 24, 25 और 26 नवंबर को भोपाल में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के मद्देनज़र, पंचायत और उसके आस-पास के शहरी क्षेत्रों के बीच टकराव की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति का समाधान इस तरह से किया जाना चाहिए जो दोनों पक्षों के लिए लाभकारी हो और विकास में बाधा न बने।
उन्होंने सरपंचों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और घोषणा की कि सरकार शांतिधाम के निर्माण के लिए प्रत्येक पंचायत को 50,000 रुपये प्रदान करेगी। उन्होंने घोषणा की कि वर्ष 2026 को कृषि आधारित वर्ष घोषित किया जाएगा।
कांग्रेस बोली— माफी मांगें मुख्यमंत्री
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों और रोज़गार सहायकों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करके अपने पद का अपमान किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से तत्काल माफी मांगने की मांग की और आरोप लगाया कि भाजपा शासन में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था की हत्या हो रही है। उन्होंने ग्राम पंचायतों के अधिकारों को बहाल करने की मांग की और आगे आरोप लगाया कि पंचायत विभाग में 50 प्रतिशत तक भ्रष्टाचार व्याप्त है।