
सतना। मध्य प्रदेश के सतना के सरकारी जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए गए अजन्मे बच्चे का बुधवार को एक निजी क्लिनिक में स्वस्थ जन्म हुआ। बच्चे को सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जानकारी के अनुसार, गर्भवती महिला को सरकारी डॉक्टरों ने बताया कि उसके बच्चे की धड़कन बंद हो गई है और वह अब जीवित नहीं है। व्यथित होकर परिवार ने पास के एक निजी क्लिनिक में दूसरी राय ली, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को जीवित पाया और तुरंत सफल प्रसव कराया।
दरअसल, सतना जिले के रामपुर बाघेलान तहसील के चकेरा गांव की निवासी दुर्गा द्विवेदी (24) को प्रसव पीड़ा के बाद पहले स्थानीय सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सुबह लगभग 4 बजे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। सुबह 9 बजे, एक वरिष्ठ डॉक्टर ने डॉप्लर से उनकी जांच की, लेकिन बच्चे की धड़कन नहीं पकड़ पाए। सोनोग्राफी में भी कथित तौर पर कोई हलचल नहीं दिखाई दी। डॉक्टरों ने तुरंत गर्भपात की सलाह दी।
दुर्गा के पति राहुल द्विवेदी ने दूसरी राय ली। वे एक डायग्नोस्टिक सेंटर गए जहां सोनोग्राफी से पता चला कि बच्चा स्वस्थ है। बाद में दुर्गा को एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया, जहां सिजेरियन डिलीवरी सफलतापूर्वक हुई और 3.5 किलो वजन का एक स्वस्थ बच्चा पैदा हुआ।
सरकारी अस्पताल के प्रसूति विभाग की प्रभारी डॉ. मंजू सिंह ने निष्कर्ष निकाला कि डॉप्लर और सोनोग्राफी दोनों ही भ्रूण की धड़कन का पता लगाने में विफल रहीं। हालांकि, सीएमएचओ ने पुष्टि की कि मामले की जांच चल रही है। मेडिकल कॉलेज के डीन और सिविल सर्जन को एक पत्र भेजा गया है और निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मामले के खुलासे के बाद तीन डॉक्टरों डॉ. नीलोफर शेख, डॉ. एकता मिश्रा और डॉ. पार्वती प्रजापति की जांच की जा रही है।