
काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक संकट के ताजा घटनाक्रम में यह खबर सामने आई है कि प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद जेनरेशन-जेड के प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को अंतरिम नेता के नाम पर सहमति बना ली है। नेपाल की अंतरिम सरकार के नेता के रूप में पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!खबर है कि आज हुई एक वर्चुअल मीटिंग में उन्हें नेपाल का अंतरिम नेता नियुक्त करने की पुष्टि कर दी गई। यह मीटिंग सरकार के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र समुदाय ने बुलाई थी।
सुशीला कार्की कौन हैं?
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ था। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और कानून की पढ़ाई की। वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में जानी जाती हैं और लोकतंत्र और कानूनी सुधारों पर उनके मजबूत रुख के लिए याद की जाती हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संक्रमणकालीन न्याय और चुनाव विवादों से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए युवाओं के सड़कों पर उतरने के बाद से नेपाल में देश भर में हिंसा और अशांति की घटनाएं हो रही हैं। इन विरोध प्रदर्शनों से पूरा देश थम गया है। कई जगहों से हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। नेताओं को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सीधा सामना करना पड़ा, जब उन्हें सड़क पर बेरहमी से पीटा गया।
मंगलवार रात को, प्रदर्शनकारियों ने जब एयरपोर्ट परिसर में घुसने की कोशिश की, तो नेपाल आर्मी ने एयरपोर्ट पर नियंत्रण कर लिया। त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (TIA) को 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बाधित हुईं और सैकड़ों विदेशी नागरिक फंस गए।