भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को कॉलोनियों के विकास के दौरान बिल्डरों द्वारा निर्मित आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए आवासों के आवंटन में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कलेक्टर ईडब्ल्यूएस आवासों का शत-प्रतिशत आवंटन तत्परता से सुनिश्चित करें।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!यहां कलेक्टर-कमिश्नर सम्मेलन के दौरान शहरी क्षेत्रों पर क्षेत्रीय चर्चा को संबोधित करते हुए यादव ने जिलों में नियोजित शहरी विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना विजन 2047 को ध्यान में रखकर तैयार की जानी चाहिए।
‘भूमि अधिग्रहण के लिए समय पर भुगतान करें’
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में टीडीआर के तहत अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने अधिग्रहित भूमि वालों को समय पर भुगतान करने पर जोर दिया। उन्होंने बेहतर यातायात व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
भोपाल-इंदौर महानगर क्षेत्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल-इंदौर महानगर क्षेत्र को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। संबंधित क्षेत्रों के कलेक्टर ऐसी योजना बनाएं, जिससे महानगरीय क्षेत्र को रोजगार, औद्योगीकरण, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके।
‘बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करें’
सम्मेलन में स्वास्थ्य एवं पोषण क्षेत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार सुनिश्चित करें। उन्होंने कलेक्टरों से नियमित रूप से अस्पतालों का दौरा करने को कहा ताकि कमियों को दूर किया जा सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को योजना का पूरा लाभ मिले।
‘भूमि बैंक बनाएं’
रोज़गार, उद्योग और निवेश प्रोत्साहन क्षेत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में अनुपयोगी भूमि का उपयोग करके भूमि बैंक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ज़िलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएँ। उन्होंने केलारस स्थित चीनी मिल के मामले को प्राथमिकता से सुलझाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों के मामलों का समयबद्ध तरीके से समाधान किया जाए।