भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में सोनू राणा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निजी सहायक आदित्य सिंह की भूमिका की जांच होनी चाहिए। पटवारी ने डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनू राणा विभाग और दवा कंपनियों के बीच दलाली करता है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने पीएस स्वास्थ्य को तत्काल हटाने और ड्रग कंट्रोलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!पटवारी ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप से 25 से ज़्यादा मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। पिछले तीन महीनों में राज्य के विभिन्न जिलों में 150 से ज़्यादा बच्चों की मौत की खबरें आई हैं, जो किसी बीमारी का नहीं, बल्कि सरकारी हत्या का नतीजा हैं।
उन्होंने मीडिया को बताया कि 19 सितंबर, 2025 को महाराष्ट्र की नागपुर प्रयोगशाला ने एक रिपोर्ट भेजी थी। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि ये मौतें किसी सामान्य बीमारी से नहीं, बल्कि दूषित दवाओं से हुई हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की और जश्न मनाते रहे। पटवारी ने कहा कि पहली मौत 3 सितंबर को हुई थी, लेकिन आठ बच्चों की मौत के बाद भी कोई पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया। न ही इस मामले पर कोई गंभीर विभागीय बैठक बुलाई गई।
भ्रष्ट अधिकारियों और मंत्री को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए
पटवारी ने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए, पीएस स्वास्थ्य को हटाया जाना चाहिए और ड्रग कंट्रोलर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये मौतें बच्चों की बीमारी से नहीं, बल्कि अनजाने में हुई हत्याओं के कारण हुई हैं।
एसआईटी का गठन हो, कांग्रेस उपवास और विरोध करेगी
पटवारी ने मांग की कि एक एसआईटी (विशेष जांच दल) इस मामले की जांच करे और इस जहरीले पदार्थ से मरने वाले बच्चों की संख्या स्पष्ट करे। देश भर में कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी सरकार से जवाब मांगने के लिए राज्य के सभी जिलों में अस्पतालों के सामने एक दिवसीय उपवास और धरना देगी। पटवारी ने कहा कि विपक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी ने सरकार को जगाया है और मीडिया ने भी निष्पक्षता से सच्चाई उजागर करने का काम किया है।
10 सालों में अस्पतालों में हुई बच्चों की मौतों की एसआईटी जांच हो
पटवारी ने पिछले दस वर्षों में राज्य में हुई बच्चों की मौतों की एसआईटी जांच की मांग करते हुए कहा कि इसका रिकॉर्ड अस्पतालों और पुलिस थानों में मिल जाएगा। साथ ही पटवारी ने 19 सितंबर को इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जानकारी दिए जाने के बावजूद कार्रवाई न करने के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी घेरा और पूछा कि उन्होंने तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की? सोनू राणा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव आदित्य सिंह मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा की भूमिका की जांच होनी चाहिए। उनके फ़ोन रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाने चाहिए। सीबीआई जाँच होनी चाहिए। पटवारी ने सिवनी में 3 करोड़ रुपए की हेराफेरी के मामले में सीएम मोहन यादव को घेरा और कहा कि वो गृह मंत्री हैं और इससे बच नहीं सकते। सीएम ने सारे घोड़े खोल दिए और कहा लूट लो।