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कर्रेगुटालू में निर्णायक कार्रवाई के बाद सुरक्षा बलों से मिले सीएम साय

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षा बलों के साथ बातचीत में सफल ऑपरेशन 'ब्लैक फॉरेस्ट' के बाद रणनीति के अगले चरण पर चर्चा की। ऑपरेशन ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ ने प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के कर्रेगुटालू में स्थित प्रमुख ऑपरेशनल बेस को ध्वस्त कर दिया था। गुरुवार को दक्षिण बस्तर के गलगाम में सीआरपीएफ कैंप के दौरे के दौरान सीएम ने इस पर चर्चा की। 

सीएम ने कर्रेगुटालू के दुर्गम जंगली पहाड़ी इलाके में सेना की उपलब्धि की सराहना की और कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों में सैन्य जीत को अब दीर्घकालिक विकास और शांति में बदलना चाहिए। बीजापुर-दंतेवाड़ा की अंतर-जिला सीमा पर स्थित कैंप के उनके दौरे का उद्देश्य जवानों का मनोबल बढ़ाना भी था। सीएम साय ने कहा, आगे की लड़ाई केवल हथियारों और साहस से नहीं लड़ी जाएगी, बल्कि क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार और समावेशी विकास के जरिए भी लड़ी जाएगी। यह ऑपरेशन सैन्य सफलता से कहीं बढ़कर था और स्थायी शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करने का महत्वपूर्ण अवसर आ गया है।

यह दौरा राज्य सरकार के चल रहे ‘सुशासन तिहाड़’ (सुशासन महोत्सव) के एक हिस्से के रूप में था, जो शासन को जमीनी स्तर तक ले जाने और जन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर बारीकी से नज़र रखने के उद्देश्य से एक प्रमुख पहल है।

बीजापुर के दक्षिण-पश्चिमी वन सीमा क्षेत्र में तेलंगाना सीमा से सटे 21 दिनों तक ऑपरेशन ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ चलाया गया, जिसके दौरान सैनिकों ने जंगलों से घिरे कम-ज्ञात कर्रेगुट्टालु पहाड़ी स्थलाकृति के एक बड़े क्षेत्र को वामपंथी चरमपंथियों के कब्जे से सावधानीपूर्वक सुरक्षित किया। ऑपरेशन के दौरान, 31 माओवादी मारे गए। सुरक्षा बलों ने कई माओवादी बंकरों, हथियार बनाने वाली इकाइयों और ठिकानों का पता लगाया, जिन्हें नष्ट कर दिया गया।

सीएम ने दंतेवाड़ा के एक पुनर्वास केंद्र में लगभग 90 आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों से भी मुलाकात की, जहां उन्हें ड्रोन संचालन, मुर्गी पालन, तकनीशियन और टैक्सी चलाने जैसे क्षेत्रों में सम्मानजनक आजीविका हासिल करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सीएम साय ने आश्वासन दिया कि पुनर्वासित आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को जल्द ही जिला-स्तरीय विकास पहलों में शामिल किया जाएगा।

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