
पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के संभावित बहिष्कार का संकेत दिए जाने के एक दिन बाद उनकी सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि इंडिया ब्लॉक चुनाव बहिष्कार के ‘अभूतपूर्व’ विकल्प पर विचार कर रहा है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!कांग्रेस ने ज़ोर देकर कहा कि वह राज्य में चुनाव आयोग द्वारा जारी एसआईआर के माध्यम से तैयार की जा रही मतदाता सूची को स्वीकार नहीं करेगी। बिहार में एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने मीडिया को बताया कि भारत ब्लॉक के सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। अल्लावरु ने कहा, हम मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को चुनौती देते हैं कि वे बिहार के हर निर्वाचन क्षेत्र से 1,000 लोगों को चुनें और जांच करें कि क्या निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
अगर 25 प्रतिशत भी असली निकले तो हम प्रक्रिया को स्वीकार कर लेंगे। सच तो यह है कि यह मतदाता सूची भाजपा और ज्ञानेश कुमार की है। हम इसे स्वीकार नहीं करते। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी तेजस्वी के विधानसभा चुनावों के बहिष्कार के सुझाव से सहमत है, तो अल्लावरु ने कहा, इंडिया ब्लॉक ने पहले दिन से ही कहा है कि एसआईआर चुनावों में सेंध लगाने के लिए बनाया गया है। इसलिए, सभी विकल्पों पर बातचीत चल रही है। एक बात स्पष्ट है कि बिहार के लोगों के वोट चुराए जा रहे हैं। सभी रास्ते खुले हैं। सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
बुधवार को तेजस्वी यादव ने राज्य में एसआईआर के मुद्दे पर विधानसभा चुनाव के संभावित बहिष्कार का संकेत दिया था। एक बयान में तेजस्वी ने कहा, जब आप ईमानदारी से चुनाव ही नहीं करवा रहे हैं, अगर आप भाजपा द्वारा दी गई मतदाता सूची के आधार पर चुनाव करवा रहे हैं, तो चुनाव कराने का क्या मतलब है? अगर शुरू से ही बेईमानी होगी, तो चुनाव ही क्यों करवाएं? चुनाव आयोग को चुनाव कराने के बजाय मौजूदा सरकार को विस्तार देना ही बेहतर होगा। लोकतंत्र को खत्म करने वालों और उसे बचाने वालों के बीच लड़ाई है।
दूसरी ओर, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने दावा किया, तेजस्वी जालसाजी का पर्याय बन गए हैं। जब जाति-आधारित सर्वेक्षण उनके दावे को चुनौती देता है, तो वह एसआईआर पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। वह निराशा और हताशा में चुनाव बहिष्कार के बयान दे रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को चार सीटों तक सीमित करके लोगों ने पहले ही उनका बहिष्कार कर दिया है।